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BPSC पेपर लीक कांड का माफिया संजय प्रभात गिरफ्तार, बिहार-झारखंड से लेकर तेलंगाना तक कनेक्शनBPSC paper leak mafia Sanjay Prabhat arrested, with connections ranging from Bihar-Jharkhand to Telangana

 बीपीएससी टीआरई 3.0 पेपर लीक कांड में बिहार आर्थिक अपराध इकाई ने बड़ी कार्रवाई की. टीम ने पेपर लीक के माफिया संजय कुमार प्रभात को पटना से गिरफ्तार कर लिया है. EOU की टीम की यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.


पटना से गिरफ्तार: बिहार EOU के अनुसार संजय कुमार प्रभात, पिता रामलखन प्रसाद, शेखपुरा जिले के शेखोपुर बाजार का रहने वाला है. 8 दिसंबर 2025 को पटना के गोला रोड में होने की सूचना मिली थी. इसके बाद टीम ने छापेमारी कर पटना से उसे गिरफ्तार कर लिया. 09 दिसंबर को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

कई महीनों से फरार था: संजय प्रभात पर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 15 मार्च 2024 को BPSC TRE 3.0 शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है. यह मामला आर्थिक अपराध इकाई में दर्ज है. इस कांड में संजय प्रभात पिछले कई महीनों से वांछित चल रहा था.

झारखंड में भी सक्रिय रहा: EOU ने बताया कि ''संजय कुमार प्रभात, संजीव मुखिया गिरोह का सक्रिय सदस्य है, जो पिछले कई वर्षों से बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कराने के लिए कुख्यात रहा है. आरोपी का आपराधिक इतिहास भी इंटर-स्टेट स्तर पर फैला हुआ है.''

तेलंगाना कनेक्शन: EOU के मुताबिक, संजय कुमार प्रभात तेलंगाना की प्रतिष्ठित परीक्षा TSEAMCET-2016 के पेपर लीक मामले में भी आरोपी है, जिसका अनुसंधान CID हैदराबाद के द्वारा किया जा रहा है. इसके अलावा ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (AIPMT) 2016 पेपर लीक कांड, जो उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर थाना क्षेत्र में दर्ज है, में भी वह आरोपित है.

प्रति अभ्यर्थी एक लाख रुपये: EOU सूत्रों की माने तो पूछताछ में संजय प्रभात ने खुलासा किया है कि उसने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक कर अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूली है. BPSC TRE-3 परीक्षा में अभ्यर्थियों से उसने प्रति उम्मीदवार लगभग एक लाख रुपये तक की वसूली की थी.

सेटिंग कराने का दावा: आगामी परीक्षाओं के लिए भी वह कई अभ्यर्थियों से Admit Card और अन्य दस्तावेज इकट्ठा कर 'सेटिंग' कराने का आश्वासन दे रहा था. आर्थिक अपराध इकाई उसके मनी ट्रेल की जांच कर रही है. इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान की जा रही है.

अब तक 289 गिरफ्तार: इस मामले में अब तक कुल 289 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है. शेष फरार अभियुक्तों की तलाश में लगातार छापेमारी जारी है. इकाई का कहना है कि बिहार में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. परीक्षा माफिया के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.

शेखपुरा से लड़ चुका है चुनाव: Myneta के अनुसार संजय प्रभात इसबार शेखपुरा के बारबीघा से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. लंबे समय तक बिहार कांग्रेस से जुड़ा रहा, लेकिन बिहार चुनाव 2025 में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया. इसके बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया.

15 करोड़ रुपये प्रोपर्टी: संजय प्रभात 15 करोड़ से ज्यादा की प्रोप्रर्टी का मालिक है. इसपर धोखाधड़ी और बेईमानी से प्रॉपर्टी की डिलीवरी के लिए उकसाने से जुड़े आरोप (IPC सेक्शन-420), क्रिमिनल ब्रीच ऑफ़ ट्रस्ट की सज़ा से जुड़े आरोप (IPC सेक्शन-406), क्लर्क या नौकर द्वारा क्रिमिनल ब्रीच ऑफ़ ट्रस्ट से जुड़े आरोप (IPC सेक्शन-408), क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी की सज़ा से जुड़े आरोप (IPC सेक्शन-120B) दर्ज है. इसके अलावे तेलंगाना के हैदराबाद ACJM कोर्ट में केस चल रहा है.

EOU की लगातार छापेमारी: बता दें कि राज्य में बुधवार 10 दिसंबर 2025 को चालक सिपाही भर्ती परीक्षा और 14 दिसंबर 2025 को प्रवर्तन अवर निरीक्षक परीक्षा होनी है. इसे शांतिपूर्ण और पारदर्शी ढंग से संपादित कराने के उद्देश्य से EOU की विशेष टीम लगातार छापेमारी कर रही है.

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