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वज्रासन में बैठने से क्या-क्या फायदे होते हैं? खाली पेट वज्रासन करने से क्या होता है, जानिए यहांWhat are the benefits of sitting in Vajrasana? Learn here what happens when you do Vajrasana on an empty stomach.

 सुबह-सुबह उठकर योगा करना बहुत ही लाभदायक माना जाता है. इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है. योग में वैसे तो कई सारे आसान और मुद्राएं होती हैं लेकिन आज हम आपको वज्रासन के बारे में बताने जा रहे हैं. इस आसन को योग की सबसे सरल और प्रभावी मुद्राओं में गिना जाता है. इससे पाचन तो बेहतर होता ही है साथ में बॉडी और माइंड में बैलेंस रहते हैं. खास बात ये है कि खाली पेट वज्रासन करने से इसके फायदे और बढ़ जाते हैं. आइए जानते हैं रोजाना सुबह उठकर व्रजासन कैसे करते हैं और इससे क्या-क्या फायदे होते हैं.


कैसे करें वज्रासन?

वज्रासन करने के लिए सबसे पहले फर्श पर घुटनों के बल बैठें. इसके लिए आप योगा मैट बिछा सकते हैं. इसके बाद घुटनों को मोड़ें, दोनों पैरों को पीछे की ओर ले जाएं और पंजों को एक साथ जोड़ लें. फिर अपनी एड़ियों पर बैठें और दोनों हथेलियां को घुटने पर रखें. इसके बाद रीढ़ की हड्डी और गर्दन को सीधा रखते हुए, आंखें बंद कर धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें. 

कितनी देर करें वज्रासन?हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक वज्रासन में 10 मिनट से ज्यादा नहीं बैठना चाहिए. अगर आप शुरुआत कर रहे हैं, तो 30 सेकंड से शुरू करें या जितना समय आपको आरामदायक लगे, उतना करें. इसके बाद धीरे-धीरे समय बढ़ाएं.

खाली पेट वज्रासन करने के फायदेअगर आपको गैस, अपच और कब्ज जैसी पेट की बीमारियां हैं तो आप खाली पेट वज्रासन कर सकते हैं. साथ ही इससे डायजेशन भी बहुत ही ज्यादा आसान होता है. 

वज्रासन के फायदे

एंजाइटी होती है कम

हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार वज्रासन करने से स्ट्रेस-एंजाइटी कम होती है जिससे दिमाग शांत रहता है. साथ ही स्ट्रेस को कम करने के लिए भी वज्रासन करना लाभदायक माना जाता है.

हार्ट हेल्थ

रोजाना वज्रासन करने से ब्लड प्रेशर कम होता है और हार्ट रेट नॉर्मल रहता है. परिणामस्वरूप दिली की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है. ऐसे में दिल रोगियों के लिए ये आसान बहुत ही ज्यादा फायदेमंद माना जाता है.

मांसपेशियों में मजबूती और फ्लेक्सिबिलिटी

वज्रासन में घूटनों के बल बैठने से पैर, पीठ, गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. साथ ही इससे शरीर का लचीलापन यानी फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ती है. 

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