यूनेस्को ने देश के प्रमुख सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्व दीपावली को अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. इसका औपचारिक ऐलान आज होगा. इसकी जानकारी साझा करते हुए दिल्ली के कला, संस्कृति, भाषा एवं पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि यह हम सबके लिए हर्ष व गर्व का विषय है.
यूनेस्को (UNESCO) ने भारत के प्रमुख सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्व दीपावली को अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. यह निर्णय संपूर्ण भारतीय समाज और इसकी सांस्कृतिक धरोहर के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है.
पीएम मोदी के प्रयासों की सराहना की
कपिल मिश्रा ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निरंतर प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह फैसला भारत की समृद्ध आध्यात्मिक परंपरा और सांस्कृतिक विविधता की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है. उन्होंने बताया कि इस निर्णय की औपचारिक घोषणा 10 तारीख को दिल्ली के लाल किले में आज की जाएगी. इस अवसर पर देशभर में दीपावली के समान ही उत्सव का वातावरण रहेगा.
उन्होंने कहा कि यूनेस्को की घोषणा का उत्सव मनाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा विस्तृत और भव्य कार्यक्रमों की तैयारी की जा रही है. लाल किले में दीपावली उत्सव का आयोजन, विशाल दीये प्रज्वलन कार्यक्रम, दिल्लीभर के प्रमुख चौक–चौराहों तथा सड़कों पर रोशनी और सजावट, दिल्ली की सभी सरकारी इमारतों का विशेष प्रकाशन, दिल्ली हाट में मुख्यमंत्री जी एवं पूरी कैबिनेट की उपस्थिति में दीपावली उत्सव का आयोजन किया जाएगा.कपिल मिश्रा ने कहा कि दीपावली केवल एक त्योहार नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और ‘अंधकार से प्रकाश’ की अनंत भावना का प्रतीक है. इस मान्यता ने पूरे देश का सम्मान और गौरव बढ़ाया है. दिल्ली सरकार सभी नागरिकों से अपील करती है
कि वे इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्साह, सद्भाव, समृद्धि और सांस्कृतिक एकता के साथ उत्सव में शामिल हों. इस बार बीजेपी सरकार ने दिल्ली के कर्तव्यपथ पर दीपावली का भव्य आयोजन किया था.बता दें कि लालकिले की प्राचीर पर गत 7 दिसंबर से शुरू आयोजित अमूर्त सांस्कृतिक विरासत पर यूनेस्को की अंतर-सरकारी समिति का 20वां सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधि आए हैं. इसके उद्घाटन में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, यूनेस्को के डायरेक्टर जनरल डॉ. खालिद अल एनानी तथा यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा के साथ सम्मिलित हुई थीं.
मुख्यमंत्री ने कहा था कि दिल्ली इस वैश्विक आयोजन की मेजबानी के लिए सबसे उपयुक्त और प्रतीकात्मक स्थल है. दिल्ली केवल एक शहर नहीं, बल्कि एक जीवित सभ्यता है. उन्होंने बताया कि महाभारत में वर्णित इंद्रप्रस्थ से लेकर आधुनिक भारत की लोकतांत्रिक राजधानी तक, दिल्ली ने 3,000 वर्षों की निरंतर सांस्कृतिक यात्रा को देखा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत विश्व की सबसे समृद्ध विरासतों में से एक है. वेद, उपनिषद, योग से लेकर प्रकृति, ऋतु, फसलों और सद्भाव का उत्सव मनाने वाले हमारे त्योहारों, अनुष्ठानों और प्रदर्शन कलाओं तक, भारत सदैव मानता आया है कि संस्कृति संग्रहालयों में नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में जीवित रहती है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष के यूनेस्को के इस सम्मेलन की मेजबानी करते हुए भारत अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रति अपने दृढ़ संकल्प को दोहराता है.

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