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सर्दी आते ही सूखने लगी है तुलसी, तो करें ये 5 काम; फिर से बरगद जैसा हरा-भरा हो जाएगा पौधा If your basil plant is drying out as winter approaches, try these 5 things; your plant will become lush and green again, just like a banyan tree.

सर्दी का मौसम आते ही प्रकृति में बदलाव होने लगता है। पत्ते झड़ने लगते हैं, और कई पौधे सूख भी जाते हैं। ऐसे में तुलसी जैसा नाजुक पौधा (Tulsi Plant), जो गर्म जलवायु में पनपता है, सर्दी के प्रभाव से अक्सर कमजोर हो जाता है। इसलिए सर्दी के मौसम में पत्तियों का मुरझाना, रंग फीका पड़ना या पूरा पौधा सूखने लगना आम समस्या है। 


लेकिन कुछ सावधानियां और देखभाल के उपाय अपनाकर आप सर्दियों में भी अपने तुलसी के पौधे को हरा-भरा रख सकते हैं। आइए जानें तुलसी को सर्दी से बचाने के लिए (Tips to Keep Tulsi Green) क्या करें।

सही जगह और धूप का इंतजाम

सर्दियों में सूरज की रोशनी टेढ़ी पड़ती है और दिन छोटे हो जाते हैं। तुलसी को हर दिन कम से कम 5-6 घंटे की धूप चाहिए। पौधे को घर के अंदर ऐसी खिड़की के पास रखें जहां सुबह की गुनगुनी धूप सीधे मिले। रात में तापमान गिरते ही खिड़की के पास से हटाकर अंदर के गर्म स्थान पर रख दें, क्योंकि ठंडी हवा के झोंके और पाला पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बालकनी में रखे पौधों के लिए प्लास्टिक शीट या ग्रीन नेट की हल्की चादर से रात को ढक दें।

पानी देने की सही तरीका और समय

सर्दी में मिट्टी देर से सूखती है और पौधों की जड़ों की पानी सोखने की क्षमता कम हो जाती है। ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं। इसलिए पानी देने से पहले मिट्टी की नमी जांच लें। उंगली को मिट्टी में डालकर देखें, अगर ऊपर की एक इंच मिट्टी सूखी लगे, तभी पानी दें। पानी हमेशा दोपहर के समय, धूप में दें, ताकि मिट्टी में नमी रात के ठंडे समय तक ज्यादा न रहे। पानी कमरे के तापमान वाला होना चाहिए। स्प्रे बोतल से पत्तियों पर हल्का पानी छिड़काव भी कर सकते हैं, पर शाम के समय बिल्कुल न करें।

तापमान नियंत्रण

तुलसी 10-12 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान को सहन नहीं कर पाती। पौधे को ऐसी जगह रखें जहां तापमान 15-25°C के बीच बना रहे। ठंडी हवाओं से बचाने के लिए गमले के आसपास हल्की मल्चिंग (सूखी पत्तियां या लकड़ी के बुरादे) डाल सकते हैं, जो मिट्टी का तापमान स्थिर रखेगी। ज्यादा ठंडी जगहों पर प्लास्टिक या सीमेंट के गमले इस्तेमाल करें, क्योंकि ये जल्दी ठंडे नहीं होते। रात में पौधे को अंदर लाना सबसे अच्छा उपाय है।

सही खाद व कटाई-छंटाई

सर्दियों में तुलसी की धीमी गति से बढ़ती है। इसलिए केमिकल फर्टिलाइजर या गोबर वाला ऑर्गेनिक खाद देना कम कर दें। हल्की खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट या नीम केक की थोड़ी मात्रा डेढ़ महीने में एक बार दें। पौधे को स्वस्थ रखने के लिए सूखी, पीली या मुरझाई टहनियों और पत्तियों को नियमित तौर पर काटते रहें। इससे नई शाखाएं निकलेंगी और पौधा घना बना रहेगा। फूल आने पर कलियां तोड़ दें, ताकि पौधा की एनर्जी पत्तियों को मजबूत करने में लगे।

बीमारियों व कीटों से बचाव

सर्दियों में कीट कम होते हैं, लेकिन ज्यादा नमी या गिलापन होने पर फफूंद और मोल्ड लगने का खतरा बढ़ जाता है। पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसा दिखे, तो नीम के तेल का हल्का स्प्रे (एक लीटर पानी में 5 एमएल नीम तेल व कुछ बूंद लिक्विड साबुन मिलाकर) बनाकर छिड़काव करें। मिट्टी में पानी निकलने का सही प्रबंध करें। गमले में नीचे छेद हो और जल भराव न हो, इसका ध्यान रखें और पौधों के बीच सही दूरी रखें।

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