इंदौर: दिल्ली बम धमाके (Delhi blast) के बाद एक बार फिर इंदौर जांच एजेंसियों के राडार पर आ गया है। आतंक की यूनिवर्सिटी अल-फलाह का चांसलर जवाद सिद्दीकी सीधे तौर पर आरोपित नहीं बना, पर उसके शागीर्द धमाके में लिप्त मिलें है। इसके पूर्व भी अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट हो या मालेगांव...समझौता और मोडासा बम धमका ही क्यो हों, हर आतंकी घटना में इंदौर और मालवा से कनेक्शन जुड़े हैं।
दिल्ली ब्लास्ट के बाद जवाद की फाइल खुली, हमूद सामने आया
यही वजह है कि एटीएस(ATS) और आइबी (IB) जैसी जांच एजेंसी छानबीन में जुट गई हैं। महू निवासी जवाद सिद्दीकी के भाई हमूद को तो महू पुलिस ने करोड़ों के गबन में गिरफ्तार कर लिया है। हमूद सिद्दीकी 25 सालों से फरार चल रहा था। दिल्ली ब्लास्ट के बाद जवाद की फाइल खुली और हमूद का चेहरा सामने आया। हमूद से एटीएस और एसटीएफ भी पूछताछ में जुटी है।
खतरनाक आतंकी इंदौर में फरारी काट चुके हैं
आतंकियों ने शांत शहर इंदौर को शरण स्थली के रूप में भी माना है। प्रमुख आतंकी हमलों का आरोपित अब्दुल सुभान कुरैशी,कयामुद्दीन कपाड़िया और बब्बर खालसा का आतंकी आकाशदीप जैसे खतरनाक आतंकी शहर में फरारी काट चुके हैं।
आतंकी घटनाओं का रहा है संबंध
18 फरवरी 2007 में समझौता एक्सप्रेस में बम ब्लास्ट करने की इंदौर में साजिश हुई। इंदौर में ही बम बनाए और ट्रेन में रखे गए।
8 सितंबर 2006 में मालेगांव(महाराष्ट्र) में धमाका किया गया। इसके मास्टरमाइंड इंदौर में भी थे। बम और बाइक की व्यवस्था की गई।
26 जुलाई 2008 में अहमदाबाद(गुजरात) में सीरियल बम धमाके हुए। मास्टरमाइंड सफदर नागौरी ने साजिश की।
देशभर में सिमी आतंकियों का माड्यूल तैयार करने वाले सफदर नागौरी ने चौरल में ट्रेनिंग कैंप आयोजित कर लड़ाके तैयार किए।
नेपाल से गिरफ्तार अब्दुल सुभान कुरैशी ने आजाद नगर और खजराना में फरारी काटी।
24 जुलाई 2025 को दिल्ली की स्पेशल सेल ने बब्बर खालसा के आतंकी आकाशदीप उर्फ बाज को गिरफ्तार किया।

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