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5 शादियां, 12 अफेयर, सौफे पर गलती-सड़ती रही लाश... दर्दनाक है बॉलीवुड के इस खूंखार विलेन की कहानीFive marriages, 12 affairs, a body accidentally rotting on a sofa... the story of this dreaded Bollywood villain is harrowing.

 मुंबई परीक्षित गुप्ता

सफलता आसमान में उड़ती पतंग की तरह होती है, ऊंची जरूर उड़ती है, लेकिन एक न एक दिन नीचे आ ही जाती है। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी कई कहानियां हैं, जहां सितारे शोहरत की ऊंचाइयों तक पहुंचे, लेकिन अंत बेहद दर्दनाक हुआ। 90 के दशक के मशहूर विलेन महेश आनंद की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।


80 और 90 के दशक में कई विलेन आए और गए, लेकिन महेश आनंद की पर्सनैलिटी, हाइट और खौफनाक लुक्स ने उन्हें अलग पहचान दी।

मार्शल आर्ट्स में ब्लैक बेल्ट मिला। अमिताभ बच्चन, गोविंदा और अक्षय कुमार जैसे स्टार्स के साथ काम किया। एक्टर के शुरुआती रोल छोटे थे, लेकिन शहंशाह ने उन्हें स्टार बना दिया। अमिताभ के साथ उनकी केमिस्ट्री इतनी जम गई कि इसके बाद वह कई फिल्मों में लगातार खलनायक बने रहे। करीब 300 फिल्मों में काम करके उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी मजबूत जगह बनाई।

महेश आनंद की निजी जिंदगी चर्चाओं में रही

महेश आनंद की निजी जिंदगी उनकी फिल्मों से भी ज्यादा चर्चाओं में रही। पहली शादी रीना रॉय की बहन बरखा रॉय से हुई और 5 महीने में तलाक हो गया। दूसरी शादी मिस इंडिया इंटरनेशनल एरिका मारिया डिसूजा से हुई। इनका एक बेटा, लेकिन कुछ महीनों में ही रिश्ता खत्म हो गया।

तीसरी शादी एक्ट्रेस मधु मल्होत्रा से हुई और यह भी ज्यादा समय तक नहीं टिक पाई। चौथी शादी एक्ट्रेस ऊषा बचानी से हुई। शराब की लत के कारण यह रिश्ता भी खत्म हो गया। पांचवीं शादी रूस की लाना से हुई। यह रिश्ता भी ज्यादा दिन तक नहीं चल सका। रिपोर्ट्स की मानें तो महेश के करीब 12 अफेयर्स रहे और कुछ के साथ वह लिव-इन रिलेशन में भी थे।

एक हादसे ने उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी। छह महीने तक काम न कर पाने के कारण उनके रोल दूसरे कलाकारों को मिलने लगे। धीरे-धीरे काम कम होता गया और महेश गहरे अकेलेपन में चले गए।

उन्होंने एक पोस्ट में खुलासा किया था कि हालात इतने खराब हो चुके थे कि पीने के पानी तक के पैसे नहीं थे।

उनकी सबसे बड़ी इच्छा थी अपने बेटे त्रिशूल से मिलना, लेकिन बेटा विदेश में रहता था, मुलाकात कभी नहीं हो सकी।

फिल्म फ्लॉप होने के 22 दिन बाद मौत

करीब 18 साल बाद उन्हें गोविंदा के साथ फिल्म राजा रंगीला में रोल मिला, लेकिन फिल्म फ्लॉप हो गई। फिल्म की रिलीज के 22 दिन बाद महेश आनंद अपने फ्लैट में मृत पाए गए।

​कमरे में शराब की बोतल, सड़ा हुआ खाना, ​सोफे के सहारे बैठी दो दिन पुरानी लाश, किसी रिश्तेदार ने क्लेम तक नहीं किया। पड़ोसियों को टिफिन कई दिनों तक बाहर लटका देख शक हुआ, बदबू आने पर पुलिस को बुलाया गया। दरवाजा तोड़ा गया तो महेश की गलती-सड़ती बॉडी मिली। बाद में उनकी पत्नी लाना रूस से आकर शव लेकर गईं और अंतिम संस्कार किया।

300 फिल्मों का ये विलेन, जिसने अपनी काबिलियत से इंडस्ट्री में जगह बनाई, अपने आखिरी दिनों में बिल्कुल अकेला और कंगाल रह गया। सफलता, शोहरत, पैसा, सब धीरे-धीरे छूटते गए। और एक दिन वह दुनिया से बिना कुछ कहे, चुपचाप रुख़्सत हो गए। एक चमकदार स्टारडम का इतना दर्दनाक अंत… सच में सोचने पर मजबूर कर देता है।

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