Top News

INDIA गठबंधन को लेकर ऐसा क्या बोले उमर अब्दुल्ला, अंदर से ही उठने लगीं आवाजें, हरतरफ से घिरी कांग्रेसWhat did Omar Abdullah say about the alliance? Voices rose from within, and Congress was surrounded on all sides.

 जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान ने विपक्ष में हलचल पैदा कर दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि INDIA गठबंधन फिलहाल लाइफ सपोर्ट पर है. उनके इस बयान के बाद कई अन्य घटक दलों ने गठबंधन में तालमेल की कमी के मुद्दे पर चिंता जताई और आत्मनिरीक्षण करने का आह्वान किया है.


शिवसेना (UBT) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) उन लोगों में शामिल है, जिन्होंने विपक्षी गठबंधन को फिर से सक्रिय करने की जरूरत पर जोर दिया है. RJD नेता मनोज झा ने अब्दुल्ला की टिप्पणियों को जल्दबाजी में की गई टिप्पणी बताया है, जबकि PDP विधायक वहीद-उर-रहमान ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर INDIA गठबंधन का इस्तेमाल वोटों के लिए करने और J&K के बाहर NDA सरकार के नैरेटिव का समर्थन करने का आरोप लगाया.

इस बीच BJP और उसके सहयोगियों ने अब्दुल्ला की टिप्पणियों का इस्तेमाल विपक्ष पर निशाना साधने के लिए किया है. BJP नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि INDIA गठबंधन पहले ही मर चुका है.

INDIA ब्लॉक के आत्मनिरीक्षण की मांग

INDIA गठबंधन के सदस्य CPI के महासचिव डी राजा ने गठबंधन की सभी पार्टियों से आत्मनिरीक्षण करने की अपील की. राजा ने कहा, “जब धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक पार्टियां INDIA गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आईं, तो पूरा मकसद भारत को बचाना और BJP को हराना था… अब क्या हो रहा है, INDIA गठबंधन अपेक्षित तालमेल और सामंजस्य के साथ काम क्यों नहीं कर रहा है?” उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद गठबंधन की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है.

राजा ने PTI से कहा, “अभी तक, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे INDIA गठबंधन के अध्यक्ष हैं. लेकिन कोई बैठक नहीं बुलाई जा रही है और तालमेल की कमी है. CPI गठबंधन की सभी पार्टियों से आत्मनिरीक्षण करने की अपील कर रही है. हमें यह देखने की ज़रूरत है कि हम हरियाणा, महाराष्ट्र और बिहार चुनावों से क्या सबक सीखते हैं.”

हालांकि कांग्रेस ने अब तक अब्दुल्ला की टिप्पणियों पर कोई टिप्पणी करने से परहेज किया है. शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी बताया कि लोकसभा चुनावों के बाद कोई बड़ी बैठक नहीं हुई है.

गठबंधन की लोकसभा चुनाव के बाद नहीं हुई बैठक

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “बिहार चुनावों से पहले भी उद्धव ठाकरे ने कहा था कि एक बैठक ज़रूरी है, लेकिन लोकसभा चुनावों के बाद पूरे गठबंधन की कोई बड़ी बैठक नहीं हुई है.” उन्होंने कहा, “तो चाहे बिहार हो या कश्मीर, ये चिंताएं अलग-अलग जगहों से उठाई जा रही हैं. किसी न किसी लेवल पर, INDIA गठबंधन की सभी पार्टियों को, खासकर जो इसका नेतृत्व कर रही हैं और कांग्रेस जो एक राष्ट्रीय पार्टी है, उन्हें फिर से सोचना होगा, फिर से एनर्जी भरनी होगी, और यह पता लगाना होगा कि कैसे फिर से एक साथ आया जाए, ठीक वैसे ही जैसे हमने लोकसभा चुनावों के दौरान मोमेंटम बनाया था.”

चतुर्वेदी ने कहा कि सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों को फाइनल करने में देरी, कॉमन एजेंडा की कमी, दोस्ताना मुकाबले जैसे मुद्दे उन फैक्टर्स में से हैं जिनकी वजह से महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यों में गठबंधन को नुकसान हुआ.

अब्दुल्ला की टिप्पणी से सभी विपक्षी दल सहमत नहीं

RJD के मनोज झा ने अब्दुल्ला की टिप्पणी को जल्दबाजी में की गई टिप्पणी बताया और कहा कि व्यंग्यात्मक टिप्पणियों से कोई मदद नहीं मिलेगी. झा ने PTI से कहा, “जब थोड़ी भी मुश्किल परिस्थितियां होती हैं, चाहे किसी भी वजह से कुछ लोग जल्दी से कमेंट करने लगते हैं. इससे बचना चाहिए, सब कुछ जनता के हाथ में है.”

उन्होंने कहा, “अगर यह (INDIA ब्लॉक) लाइफ सपोर्ट पर है, तो वे भी इसका हिस्सा हैं. वे अंगों को फिर से ज़िंदा करने के लिए क्या कोशिशें कर रहे हैं? यह सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी का मुद्दा नहीं है. इसमें शामिल सभी राजनीतिक पार्टियों की ज़िम्मेदारी है.

समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने भी अब्दुल्ला से असहमति जताई. उन्होंने कहा, “मैं इससे सहमत नहीं हूं. हां, हार से लोग परेशान महसूस कर सकते हैं, लेकिन बीजेपी यही चाहती है. जो लोग बीजेपी और इन फासीवादी ताकतों से लड़ रहे हैं, उन्हें इस जाल में नहीं फंसना चाहिए. जीत और हार राजनीति का हिस्सा हैं.

Post a Comment

Previous Post Next Post