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मॉडल खुशबू की संदिग्ध मौत का मामला गर्माया, मानवाधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर को भेजा नोटिस, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप — धर्म परिवर्तन, मारपीट और हत्या की आशंका गहराईThe case of model Khushboo's suspicious death has escalated, with the Human Rights Commission issuing a notice to the Police Commissioner. Family members have leveled serious allegations – suspicions of religious conversion, assault, and murder deepen.

 .भोपाल। राजधानी भोपाल में 27 वर्षीय उभरती मॉडल खुशबू अहिरवार (उर्फ खुशी वर्मा) की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी है। मौत के इस मामले को अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लेते हुए भोपाल पुलिस आयुक्त को नोटिस भेजा है और दो सप्ताह के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो द्वारा जारी नोटिस में पोस्टमार्टम रिपोर्ट, परिजनों के आरोपों और मृतका के कथित साथी कासिम अहमद की भूमिका की गहन जांच पर जोर दिया गया है।

यह मामला 10 नवंबर को तब सामने आया जब खुशबू को उसके साथ रहने वाले कासिम अहमद ने भैंसाखेड़ी स्थित एक निजी अस्पताल में बेहोशी की हालत में छोड़ा और वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के तुरंत बाद कासिम वहां से गायब हो गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सामने आया कि खुशबू गर्भवती थी और उसकी मौत फैलोपियन नली फटने से अंदरूनी खून बहने के कारण हुई। हालांकि, मृतका के चेहरे पर सूजन, निजी अंगों पर चोट और शरीर के अन्य हिस्सों पर मारपीट के निशान मिले हैं, जिससे उसकी मौत को लेकर संदेह और गहरा हो गया है।

परिजनों के आरोप-धर्म परिवर्तन का दबाव, झूठी पहचान और मारपीट

खुशबू की मां लक्ष्मी अहिरवार और बहन ने कासिम पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कासिम ने अपना नाम “राहुल” बताकर खुशबू से दोस्ती की, बाद में उसकी असली पहचान सामने आई। परिवार के अनुसार कासिम खुशबू पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालता था, उसे बुर्का पहनने, सिर ढकने और इस्लाम स्वीकार करने के लिए मजबूर करता था। परिजनों ने मारपीट, धोखे और हत्या का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है।

मानवाधिकार आयोग का हस्तक्षेप - दो सप्ताह में मांगी विस्तृत रिपोर्ट

परिजनों की शिकायत और मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने तुरंत संज्ञान लिया। आयोग ने पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि पोस्टमार्टम, चिकित्सीय विवरण, कासिम अहमद की भूमिका, धर्म परिवर्तन का एंगल और मृतका को न्याय दिलाने से संबंधित सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर दो सप्ताह में रिपोर्ट सौंपी जाए। यह घटना केवल एक मौत नहीं, बल्कि कई संवेदनशील मुद्दों से जुड़ा मामला बन चुकी है-साथ रहने का संबंध, झूठी पहचान, कथित मारपीट, गर्भावस्था में आई गंभीर समस्या और संदिग्ध हालात में मौत। पूरे प्रदेश की निगाहें इस जांच पर टिकी हैं कि क्या खुशबू को न्याय मिल पाएगा और पुलिस सच्चाई कितनी गहराई से उजागर करती है।

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