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भारत-इथियोपिया के रिश्ते हुए और मजबूत, अब दोनों देश बने रणनीतिक साझेदार; आठ समझौतों पर हुए हस्ताक्षरIndia-Ethiopia relations have strengthened further, with both countries now becoming strategic partners; eight agreements were signed.

 भारत और इथियोपिया के ऐतिहासिक संबंधों ने मंगलवार को नई ऊंचाई छू ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबिय अहमद अली के बीच व्यापक वार्ता के बाद दोनों देशों ने आपसी रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया। इस कदम को भारत-अफ्रीका संबंधों के लिए अहम माना जा रहा है। पहली द्विपक्षीय यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रीय महल में औपचारिक स्वागत दिया गया, जो दोनों देशों के बीच बढ़ती नजदीकी का संकेत है।


प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद कहा कि भारत और इथियोपिया अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला दोनों देशों के रिश्तों में नई ऊर्जा, नई गति और नई गहराई लाएगा। बातचीत में अर्थव्यवस्था, तकनीक, रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, क्षमता निर्माण और बहुपक्षीय सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को इथियोपिया के समर्थन के लिए प्रधानमंत्री अली का आभार भी जताया।

हजारों साल पुराने रिश्तों पर जोरप्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और इथियोपिया के बीच हजारों वर्षों से संपर्क, संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान रहा है। दोनों देश भाषाओं और परंपराओं से समृद्ध हैं और विविधता में एकता के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि दोनों लोकतांत्रिक शक्तियां हैं, जो शांति और मानव कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। ग्लोबल साउथ के साझेदार के रूप में भारत और इथियोपिया अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं।

हजारों साल पुराने रिश्तों पर जोरप्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और इथियोपिया के बीच हजारों वर्षों से संपर्क, संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान रहा है। दोनों देश भाषाओं और परंपराओं से समृद्ध हैं और विविधता में एकता के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि दोनों लोकतांत्रिक शक्तियां हैं, जो शांति और मानव कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। ग्लोबल साउथ के साझेदार के रूप में भारत और इथियोपिया अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं।

आठ अहम समझौते, सहयोग को नई धारइस मौके पर दोनों देशों के बीच आठ अहम समझौते और करार हुए। इनमें रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी में अपग्रेड करना, सीमा शुल्क सहयोग, इथियोपिया के विदेश मंत्रालय में डेटा सेंटर की स्थापना, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन प्रशिक्षण, जी20 के तहत कर्ज पुनर्गठन, आईसीसीआर छात्रवृत्तियों की संख्या बढ़ाना, इथियोपियाई छात्रों के लिए एआई शॉर्ट कोर्स और मातृ व नवजात स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत ने इथियोपिया के छात्रों के लिए छात्रवृत्तियों की संख्या दोगुनी करने का फैसला किया है।

इथियोपिया का भरोसा और निवेश संबंधइथियोपिया के प्रधानमंत्री अबिय अहमद अली ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार, कूटनीति, शिक्षा, संस्कृति और परंपराओं के जरिए हजारों साल पुराने रिश्ते हैं। उन्होंने भारत के उस संदेश की सराहना की जिसमें कहा गया है कि अफ्रीका की प्राथमिकताएं ही साझेदारी का आधार होनी चाहिए। अली ने बताया कि इथियोपिया की अर्थव्यवस्था मजबूत प्रदर्शन कर रही है और भारत उसके लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सबसे बड़ा स्रोत है। देश में 615 से अधिक भारतीय कंपनियां निवेश कर रही हैं, जिससे भरोसे की मजबूत नींव बनी है।प्रधानमंत्री मोदी को इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान ‘द ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ प्रदान किया गया। वह यह सम्मान पाने वाले पहले वैश्विक राष्ट्राध्यक्ष बने। दोनों प्रधानमंत्रियों ने फ्रेंडशिप पार्क और फ्रेंडशिप स्क्वायर का दौरा भी किया। अनौपचारिक बातचीत के दौरान इथियोपियाई कॉफी पर चर्चा हुई और एक विशेष पहल के तहत प्रधानमंत्री अली स्वयं प्रधानमंत्री मोदी को होटल तक लेकर गए।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इथियोपिया का स्वागत अविस्मरणीय रहा और भारतीय समुदाय ने गहरी आत्मीयता दिखाई। बुधवार को वह इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे और ‘लोकतंत्र की जननी’ के रूप में भारत की यात्रा और ग्लोबल साउथ में भारत-इथियोपिया साझेदारी की भूमिका पर अपने विचार रखेंगे।

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