Top News

इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड कॉरिडोर का निर्माण: सिंहस्थ से पहले तैयार करने की तैयारी, किसानों का विरोध जारी Construction of the Indore-Ujjain Green Field Corridor: Preparations underway for completion before the Simhastha festival, but farmers' protests continue.

 इंदौर। मध्यप्रदेश शासन ने इंदौर और उज्जैन को जोड़ने वाले 48 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड फोरलेन कॉरिडोर के निर्माण की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का ठेका 1089 करोड़ रुपए में लुधियाना की कंपनी सीगल इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्रा.लि. को दिया गया है। सिंहस्थ के मद्देनजर इस कॉरिडोर का निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, ताकि इंदौर से उज्जैन तक यात्रा का समय 40-45 मिनट तक घटाया जा सके। कॉरिडोर के निर्माण के लिए इंदौर और उज्जैन जिले की कुल 28 गांवों की लगभग 175 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इसमें 650 किसानों की जमीन शामिल है, जिसमें हातोद तहसील के 255 किसानों की 75 हेक्टेयर और सांवेर तहसील की 395 किसानों की 100 हेक्टेयर निजी और सिंचित भूमि शामिल है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया फिलहाल धारा 21 के तहत चल रही है, जबकि पूर्व में धारा 19 के तहत प्रकाशन कर प्रभावित किसानों का रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जा चुका है।


कॉरिडोर की चौड़ाई 60 मीटर होगी और इसमें 7 मीटर चौड़ी सड़क, तीन फ्लायओवर और छोटे-बड़े कुल 35 पुल-पुलियाओं का निर्माण होगा। निर्माण की शुरुआत एयरपोर्ट के पास गोम्मटगिरी के पितृ पर्वत से होगी और यह उज्जैन के चिंतामण गणेश तक पहुंचेगा। इससे न केवल इंदौर-उज्जैन कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि पीथमपुर और एयरपोर्ट से सीधे उज्जैन तक पहुंचना भी आसान होगा। इस परियोजना के साथ ही वर्तमान इंदौर-उज्जैन फोरलेन को सिक्स लेन में परिवर्तित करने का कार्य भी तेजी से चल रहा है। हालांकि परियोजना की जरूरत और भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों में विरोध भी जारी है। कई किसान संगठनों का कहना है कि उज्जैन तक पहुंचने के लिए पहले से ही कई रोड उपलब्ध हैं, इसलिए इस कॉरिडोर की आवश्यकता नहीं है। वहीं शासन इस परियोजना को सिंहस्थ से पहले पूरा करना चाहता है, इसलिए मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPRDC) ने ठेका तुरंत मंजूर कर दिया।

इस ग्रीन फील्ड कॉरिडोर के बन जाने से इंदौर और उज्जैन के बीच यात्रा का समय कम होगा, ट्रैफिक का दबाव कम होगा और क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रशासन किसानों के साथ लगातार संवाद में है और भू-अर्जन की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का प्रयास कर रहा है।

Post a Comment

Previous Post Next Post