केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बेओदनाबाद में विनायक दामोदर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण किया. इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार अनिल सुतार का शॉल भेंट कर सम्मान किया.
पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने याद किए वो पुराने दिन
प्रतिमा के अनावरण के मौके पर आयोजित सागर प्राण तलमलाला सांस्कृतिक कार्यक्रम में पद्मश्री पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने सावरकर के साथ बिताए पलों को याद किया. उन्होंने कहा, मैं अंडमान तीसरी चौथी बार आ रहा हूं. एक दिन मैं शिवाजी पार्क के पास से जा रहा था. तब मैं 14 साल का था. बाल भवन विद्या मंदिर के सामने से निकल रहा था. तभी देखा कि एक आदमी वहां घूम रहा था.
उन्होंने कहा, मुझे लगा ये कोई बहुत बड़ा आदमी है. फिर याद आया कि घर में एक किताब है, जिस पर मेरे पिता जी और सावरकर जी की तस्वीर है. उससे मुझे याद आया कि ये सावरकर जी हैं. मैं उनके पास गया और अपना परिचय दिया. पिता जी का नाम सुनते ही उन्होंने मुझे अंदर बुलाया. मैं उनके साथ 22 साल रहा. शायद मैं इकलौता आदमी हूं जो इतने लंबे समय तक उनके साथ रहा. उनके प्राण मेरे सामने निकले. वो लता दीदी को भी बहुत स्नेह करते थे.
एक्स पर अमित शाह का पोस्ट
प्रतिमा के अनावरण के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीआर आंबेडकर प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल होंगे. वो सावरकर पर एक गीत जारी करेंगे. इससे पहले अमित शाह ने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, स्वातंत्र्यवीर सावरकर उन बिरले क्रांतिकारियों में थे, जिन्होंने स्वाधीनता संग्राम को भौतिक और वैचारिक रूप से समानांतर आगे बढ़ाया.
उनकी स्मृति को नमन करने के लिए उत्सुक हूं
उन्होंने लिखा, मातृभूमि की स्मृति में उनके द्वारा लिखित अमर गीत सागरा प्राण तळमळला के 115 साल पूरे होने पर श्री विजयपुरम (अंडमान और निकोबार) में आयोजित समारोह में शामिल होकर उनकी स्मृति को नमन करने के लिए उत्सुक हूं. आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह की शोभा बढाएंगे. बता दें कि अंग्रेजों ने सावरकर को 1911 में पोर्ट ब्लेयर (जिसे अब श्री विजयपुरम के नाम से जाना जाता है) की सेलुलर जेल में कैद किया था.

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