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चिंतक एवं गांधीवादी विचारक माणकचंद कटारिया की जन्मशताब्‍दी पर स्मरण–संवाद समारोह 14 दिसंबर कोRemembrance-dialogue ceremony on the birth centenary of thinker and Gandhian thinker Manakchand Kataria on 14th December

 इंदौर, 12 दिसंबर। स्वतंत्रता संग्राम और गांधीवादी जीवन-मूल्यों से प्रेरित स्व. माणकचंद कटारिया की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में स्मरण–संवाद तथा पुस्तक ‘अहिंसा कुछ करने को कहती है’ का विमोचन कार्यक्रम रविवार 14 दिसंबर को जाल ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का का शुभारंभ सुबह 10:30 बजे होगा।


कटारिया परिवार के अरविंद कटारिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इस स्मरण–संवाद समारोह में प्रतिष्ठित पर्यावरणविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री मेधा पाटकर, वरिष्ठ कवि–लेखक श्री कुमार अम्बुज, गांधीवादी विचारक एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री अनिल त्रिवेदी तथा वरिष्ठ पत्रकार–लेखक श्री श्रवण गर्ग विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में पंचम निषाद संगीत संस्थान, इंदौर द्वारा भक्तिमय प्रस्तुति भी दी जाएगी, जिसका निर्देशन विदुषी शोभा चौधरी करेंगी।

इंदौर से गहरा नाता रखने वाले स्व. माणकचंद कटारिया (1925–1977) स्वतंत्रता आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ताओं में रहे। वे जैन दर्शन, अहिंसा और गांधीवादी चिंतन पर गहन - मनन करने वाले लेखक के रूप में ख्‍यात थे। उन्होंने कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट में लगभग 25 वर्षों तक अपनी सेवाएँ दीं और कई गांधीवादी संस्थानों से भी जुड़े रहे।

कटारियाजी की निजी डायरियों के पन्ने उस दौर के राजनीतिक-सामाजिक वातावरण, युवा मन की बेचैनी, आत्ममंथन और स्वतंत्रता-संघर्ष के अनुभवों का महत्वपूर्ण दस्तावेज़ माने जाते हैं। इसी संदर्भ में विमो‍चित हो रही नई पुस्तक ‘अहिंसा कुछ करने को कहती है’ में उनके अब तक अप्रकाशित लेख, टिप्पणियाँ और मौलिक चिंतन सम्मिलित किए गए हैं, जो आज के समय में भी अत्यंत प्रासंगिक समझे जा रहे हैं।

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