फेफड़ों का कैंसर एक ऐसा कैंसर है जिसके शुरुआती लक्षण आम दिक्कतों की तरह ही होते हैं और इसीलिए नजरअंदाज कर दिए जाते हैं. लेकिन, समय रहते फेफड़ों में हुई गड़बड़ी को ना पहचाना जाए तो दिक्कत जरूरत से ज्यादा बढ़ सकती है और परमानेंट डैमेज की वजह बनती है. ऐसे में फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) के शुरुआती लक्षण पहचानना जरूरी होता है. फेफड़ों का कैंसर वो कैंसर है जिसमें फेफड़ों के ऊतकों में एब्नॉर्मल सेल्स ग्रो होने लगती हैं. यह कैंसर फेफड़ों से होते हुए शरीर के अन्य अंगों तक भी फैल सकता है. यहां जानिए फेफड़ों के कैंसर को किन लक्षणों से पहचाना जा सकता है.
फेफड़े के कैंसर के शुरुआती लक्षण
खांसी खाना – फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा और शुरुआती लक्षण (Lung Cancer Symptom) है कि खांसी आती है और लंबे समय से आती रहती है. खांसी के साथ बलगम भी आ सकता है.
खांसी में खून – जहां एक तरफ खांसी में बलगम आना आम माना जाता है वहीं खांसी में खून आना सामान्य नहीं है और फेफड़ों की गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है.
सांस लेने में तकलीफ – फेफड़ों की दिक्कतें होने पर श्वसन प्रणाली बुरी तरह प्रभावित होने लगती है. इससे सांस लेने में तकलीफ महसूस होने लगती है.
सीने में दर्द – सांस लेते हुए या फिर हंसने या खांसने पर सीने में दर्द होने लगता है.
आवाज में बदलाव – फेफड़ों के कैंसर में आवाज में बदलाव आ सकता है. इससे आवाज फटी-फटी या कर्कश सी सुनाई पड़ती है.
थकान और वजन घटना – फेफड़ों का कैंसर होने पर लागतार वजन कम होने लगता है. बिना वजह ही थकान महसूस होने लगती है.
किन कारणों से हो सकता है फेफड़ों का कैंसर
ऐसे कुछ रिस्क फैक्टर्स हैं जो फेफड़ों के कैंसर की वजह बन सकते हैं. इन चीजों से परहेज करके फेफड़ों के कैंसर से बचा जा सकता है.
धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर की बड़ी वजह हो सकता है.
धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के आस-पास रहने से भी इस कैंसर की चपेट में आने का खतरा होता है.
प्रदूषण इस कैंसर के रिस्क फैक्टर्स में शामिल है.
पहले किसी कैंसर में रेडिएशन के कारण फेफड़े के कैंसर का खतरा रहता है.
फेफड़े के कैंसर की जांच कैसे होती है
फेफड़ों के कैंसर को पहचानने के लिए फिजिकल एग्जाम किया जाता है. इसमें ब्लड टेस्ट, एक्स रे, सीटी स्कैन और कई बार बायोप्सी की जाती है.

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