महिलाओं में कैल्शियम की कमी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसका खतरा 30 की उम्र के बाद और ज्यादा बढ़ जाता है। कैल्शियम की कमी आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस, जोड़ों का दर्द, दांतों की समस्याएं और मांसपेशियों में कमजोरी का कारण बनती है। प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के दौरान यह समस्या और गंभीर हो सकती है। ऐसे में कैल्शियम की कमी दूर करने के लिए केवल दूध पीना काफी नहीं है। इसके अलावा भी डाइट में कैल्शियम से भरपूर फूड्स को शामिल करना जरूरी है। कुछ सीड्स कैल्शियम का अच्छा सोर्स हैं, जिन्हें डाइट में शामिल करना काफी फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं उन 5 सीड्स के बारे में जो कैल्शियम की कमी दूर करने में रामबाण साबित हो सकते हैं।
तिल के बीज
तिल कैल्शियम का सबसे बेहतरीन सोर्स माना जाता है। केवल 100 ग्राम तिल में लगभग 975 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है, जो एक गिलास दूध से कहीं ज्यादा है। इसमें मौजूद जिंक हड्डियों की डेंसिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। इसलिए रोजाना एक चम्मच तिल खाने से महिलाओं की हड्डियों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
चिया सीड्स
चिया सीड्स न सिर्फ ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर हैं, बल्कि इनमें कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में होता है। लगभग 100 ग्राम चिया सीड्स में 631 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। ये बीज फॉस्फोरस और मैग्नीशियम से भी भरपूर हैं, जो कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन में मदद करते हैं। चिया सीड्स को पानी में भिगोकर, स्मूदी में मिलाकर या दही के साथ खा सकते हैं।
अलसी के बीज
अलसी के बीज फाइबर से भरपूर होते हैं, जो महिलाओं के हार्मोनल संतुलन के लिए फायदेमंद हैं। 100 ग्राम अलसी में लगभग 255 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इन बीजों को पीसकर खाने से कैल्शियम का अब्जॉर्प्शन बेहतर होता है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए अलसी और भी ज्यादा फायदेमंद है।
सूरजमुखी के बीज
सूरजमुखी के बीज विटामिन-ई और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। 100 ग्राम सूरजमुखी के बीजों में लगभग 78 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। ये बीज हड्डियों की डेंसिटी को बनाए रखने में मदद करते हैं।
कद्दू के बीज
कद्दू के बीज जिंक, मैग्नीशियम और कैल्शियम का अच्छा सोर्स हैं। लगभग 100 ग्राम कद्दू के बीजों में 46 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। जिंक हड्डियों के निर्माण और मरम्मत में मददगार होते हैं। ये बीज महिलाओं में होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को रोकने में मददगार हैं।

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