'नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात ध्यान से सुनते हैं, क्योंकि भारत की शक्ति अब दुनिया के सामने दिखाई देने लगी है और देश अपनी उचित वैश्विक भूमिका वापस पा रहा है। भागवत ने कहा कि शताब्दियों या जयंती जैसे पड़ाव महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन असल ध्यान समय पर काम पूरा करने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज को जोड़ने का काम अभी अधूरा है और संघ को आत्ममंथन करना चाहिए कि इस कार्य में इतनी देर क्यों लगी।
संघ के 100 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है, जब भारत उठता है तो वैश्विक समस्याओं का समाधान मिलने लगता है, संघर्ष कम होते हैं और शांति का मार्ग प्रशस्त होता है। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में दुनिया को भारत से यही उम्मीद है और संघ कार्यकर्ता इसी लक्ष्य के प्रति शुरू से समर्पित रहे हैं। भागवत ने आरएसएस संस्थापक डॉ. हेडगेवार के तप और बलिदान को याद करते हुए कहा कि शुरुआती वर्षों में संघ के कार्यकर्ताओं ने कठिन परिस्थितियों में काम शुरू किया था, जब यह तय नहीं था कि उनके प्रयास कभी परिणाम देंगे या नहीं।
उन्होंने कहा कि उन्हीं कार्यकर्ताओं ने सफलता के बीज बोए और परिवर्तन का मार्ग तैयार किया। प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक स्वीकार्यता का उल्लेख करते हुए भागवत ने कहा-प्रधानमंत्री को दुनिया इसलिए सुनती है, क्योंकि भारत की शक्ति प्रकट हो रही है और दुनिया इस परिवर्तन को देख रही है।उन्होंने एक प्रसंग साझा करते हुए कहा कि किसी ने उनसे कहा था कि संघ 30 साल देर से आया। इस पर उन्होंने जवाब दिया- हम देर से नहीं आए, आप देर से सुनने लगे। अंत में उन्होंने कहा कि संघ जब संवाद और सामूहिक कार्य की बात करता है तो वह पूरे समाज की बात करता है। भारत की नींव विविधता में एकता पर है और आगे बढ़ने के लिए धर्म और समन्वय अनिवार्य हैं।

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