क्या बढ़ता वजन सिर्फ बढ़ी हुई कमर का माप है? बिल्कुल नहीं! डॉक्टरों के अनुसार मोटापा शरीर के अंदर चलने वाली एक ऐसी छिपी हुई लड़ाई है, जिसकी भनक हमें तब तक नहीं लगती जब तक बीमारियां दस्तक न देने लगें। खासकर पेट और कमर के आसपास जमा चर्बी यानी विसरल फैट धीरे-धीरे हार्मोन बिगाड़ता है, सूजन बढ़ाता है और कई गंभीर रोगों की शुरुआत कर देता है।इसी खामोश खतरे को लेकर डॉ. विवेक बिंदल ने चेतावनी दी है कि मोटापा अक्सर बीमारियों के लक्षण दिखने से कई साल पहले ही शरीर को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। इसलिए बढ़ते वजन और पांच बड़ी बीमारियों के रिश्ते को समझना बेहद जरूरी है क्योंकि जोखिम को समझना ही बचाव की पहली सीढ़ी है।
1. टाइप-2 डायबिटीज: पेट की चर्बी सबसे बड़ा विलेन
विशेषज्ञ बताते हैं कि पेट पर जमा चर्बी इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता कम कर देती है। नतीजा—ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। फैट सेल ऐसे केमिकल रिलीज करते हैं जो इंसुलिन के कामकाज को प्रभावित करते हैं, इसलिए कई लोग डाइट कंट्रोल करने के बावजूद शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव देखते हैं।
सिर्फ 5–10% वजन कम करने से ब्लड शुगर काफी हद तक कंट्रोल हो सकता है।
2. दिल की बीमारियां: बढ़ता BMI, बढ़ता प्रेशर
मोटापा दिल पर दोहरी मार करता है शरीर जितना बड़ा, दिल को उतनी मेहनत से खून पंप करना पड़ता है। ज्यादा फैट धमनियों में प्लाक बनाता है, जिससे ब्लड फ्लो रुक सकता है। यही वजह है कि युवाओं में भी हाई BP और कोलेस्ट्रॉल के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। समय रहते इलाज न हो तो जोखिम हार्ट अटैक और स्ट्रोक तक पहुंच जाता है।
विशेषज्ञ सलाह: नियमित ब्लड टेस्ट, BP चेक और ECG बेहद जरूरी हैं।
3. कैंसर का बढ़ता खतरा: चर्बी सिर्फ चर्बी नहीं होती
शोध बताते हैं कि मोटापा कई कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है जैसे ब्रेस्ट, कोलन, गर्भाशय, किडनी और इसोफैगल कैंसर। वजहें साफ हैं:
शरीर में बढ़ा हुआ एस्ट्रोजेन
क्रॉनिक इंफ्लेमेशन
कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि
मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम और ज्यादा बढ़ जाता है।
4. फैटी लिवर: शराब न पीने वालों में भी बीमारी
नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) आज सबसे आम लिवर समस्या बन चुकी है। मोटापे से ग्रस्त करीब 70–90% लोगों में फैटी लिवर पाया जाता है, और लगभग 30% मामलों में यह खतरनाक स्तर तक पहुंच सकता है।
डॉक्टरों के मुताबिक, लिवर की कोशिकाओं में फैट जमा होकर सूजन और आगे चलकर फाइब्रोसिस पैदा करता है। ध्यान न दिया जाए तो यह सिर्रोसिस और लिवर फेलियर में बदल सकता है—और अब बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
5. ऑस्टियोआर्थराइटिस: हर किलो वजन, चार गुना दबाव
जोड़ों का दर्द केवल उम्र की वजह से नहीं बढ़ता। हर अतिरिक्त किलो वजन घुटनों पर लगभग चार गुना ज्यादा दबाव डालता है, जिससे कार्टिलेज घिसने लगता है और दर्द बढ़ता जाता है।
उपाय: वजन कम करने के साथ हल्की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज जोड़ने से दर्द और जकड़न में काफी राहत मिलती है।

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