इंदौर जिले में चल रहे मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में मतदाताओं का पुराना रिकॉर्ड नहीं मिला है। जिले में अब तक 28 लाख 67 हजार 294 मतदाताओं के फार्म भरे गए, जिनमें से 1 लाख 94 हजार 208 मतदाताओं की 2003 की मतदाता सूची से मैपिंग नहीं हो सकी।
वजह यह है कि इन मतदाताओं ने 2003 का रिकॉर्ड या पहचान संबंधी आवश्यक जानकारी दिए बिना ही फार्म जमा करा दिए थे। अब इन सभी मतदाताओं को एआरओ (सहायक रिटर्निंग ऑफिसर) द्वारा नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस मिलने पर मतदाताओं को निर्धारित 12 प्रकार के दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज जमा कराना होगा। दस्तावेजों की जांच के बाद एआरओ निर्णय लेंगे कि मतदाता का नाम सूची में जोड़ा जाए या नहीं।
मतदाता सूची से हटाए गए नाम
जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार जिले के नौ विधानसभा क्षेत्रों में 23 लाख 5 हजार 881 मतदाताओं की उपस्थिति की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन 5 लाख 61 हजार 447 मतदाताओं का सत्यापन अभी नहीं हो पाया है। इनके नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। नाम हटाने से पहले जिला निर्वाचन कार्यालय इनका दोबारा सत्यापन करने जा रहा है।
फार्म लेकर गए पर जमा नहीं कराए
उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अपर कलेक्टर नवजीवन विजय पंवार ने बताया कि जिन 5.61 लाख मतदाताओं के फार्म नहीं मिले हैं, उनका पुनः सत्यापन 11 दिसंबर तक कराया जाएगा। इनमें 2 लाख 70 हजार 264 मतदाता ऐसे हैं, जो घर पर नहीं मिले हैं। 2 लाख 4 हजार 250 मतदाता स्थाई रूप से अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो गए। 41 हजार 595 मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 26 हजार से अधिक लोग फार्म लेकर गए भी, लेकिन वापस जमा नहीं कराया।
यह प्रक्रिया होगी
11 दिसंबर तक अनुपस्थित और संदिग्ध मतदाताओं का पुन: सत्यापन
16 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन
15 जनवरी तक दावे और आपत्तियां ली जाएंगी
14 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी होगी

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