सागर: देवरी नगर पालिका की अध्यक्ष नेहा अलकेश जैन अपने कारनामों और पार्टी की गुटबाजी के चलते पार्टी से ही निष्कासित हो गई हैं. बीजेपी से नगर पालिका अध्यक्ष चुने जाने के बाद भाजपा के ही पार्षदों को हाशिए पर रखने और कांग्रेस पार्षदों को पीआईसी में स्थान देने जैसे आरोपों से घिरी नेहा अल्केश जैन को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है.
पहले भी नेहा अलकेश जैन हो चुकी है बर्खास्त
प्रदेश अध्यक्ष के इस फैसले के बाद जिले के दिग्गज नेताओं में हड़कंप मचा हुआ है. माना जा रहा है कि यह कदम नेताओं के लिए भी एक सबक है, जो पर्दे के पीछे इस मामले में राजनीति कर रहे हैं. इससे पहले सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें पद से बर्खास्त किया था, लेकिन कोर्ट के स्टे के चलते उन्हें फिर से पद पर काबिज कर दिया गया. अब पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है, तो नए समीकरण उभर आए हैं. यह सारा माजरा सागर भाजपा की गुटबाजी से जुड़ा हुआ है.सागर ग्रामीण की जिला अध्यक्ष रानी कुशवाहा द्वारा जारी किए गए पत्र में नगर पालिका अध्यक्ष नेहा अलकेश जैन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उन पर 2023 विधानसभा चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी बृज बिहारी पटेरिया के खिलाफ काम करने का आरोप लगा था. नगर पालिका अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्होंने 18 में से 13 पार्षद बीजेपी के होने पर भी पीआईसी गठन में कांग्रेस के पार्षद त्रिवेंद्र जाट को स्थान दिया था. इस बारे में जब उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया, तो उन्होंने पार्टी को गलत जानकारी दी.
6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित
इसके अलावा एक और आरोप नेहा अलकेश जैन पर लगा है, जो उनके निष्कासन की प्रमुख वजह माना जा रहा है. हाल ही में जब संसद लता वानखेड़े प्रदेश महामंत्री बनीं और देवरी में उनका स्वागत किया गया, तो नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा लगाए गए स्वागत के पोस्टर बैनर में ना प्रदेश अध्यक्ष की फोटो थी, न जिला अध्यक्ष और न ही स्थानीय विधायक की. जिला अध्यक्ष रानी कुशवाहा द्वारा जारी किए गए पत्र में बताया गया है कि "प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के निर्देश पर आपको 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाता है.
गुटबाजी में उलझी नेहा अलकेश जैन
सागर भाजपा में दिग्गजों की गुटबाजी के चलते भारतीय जनता पार्टी प्रमुख रूप से 2 गुटों में बंटी हुई है. कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के बीच चल रहा शीत युद्ध किसी से छिपा नहीं है. देवरी के विधायक बृज बिहारी पटेरिया, जहां पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के करीबी हैं, तो नेहा अलकेश जैन कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की करीबी मानी जाती हैं. गुटबाजी के चलते जहां एक गुट नेहा अलकेश जैन के बचाव में रहता है. वहीं दूसरा गुट लगातार नेहा अलकेश जैन की पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायत पार्टी से करता रहता है. माना जा रहा है कि नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने सख्ती दिखाते हुए नेहा अलकेश जैन को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

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