अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रूस की उन दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर पाबंदी लगा दी है, जिनसे भारत सबसे ज्यादा तेल खरीदता था. इससे भारत के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. जब इस बारे में विदेश मंत्रालय से पूछा गया कि भारत रूस से तेल खरीदेगा या नहीं, ट्रंप की पाबंदियों का क्या होगा? इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा, हम अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन हमारे लोगों के हित सर्वोपरि हैं.
एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हम हाल ही में अमेरिकी प्रतिबंधों (U.S. Sanctions) के तहत रूसी तेल कंपनियों पर लगाए गए प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं. हमारे सभी निर्णय वैश्विक बाजार की बदलती परिस्थितियों और समीकरणों को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं. ऊर्जा आपूर्ति से जुड़ा भारत का रुख पहले से ही स्पष्ट है. हमारी प्राथमिकता है, 140 करोड़ भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना. इस दिशा में हमारा लक्ष्य है कि हम सस्ती और भरोसेमंद ऊर्जा कई स्रोतों से प्राप्त करें, ताकि देश की ऊर्जा जरूरतें लगातार पूरी होती रहें. यानी भारत ने साफ कर दिया कि जहां से उसे सस्ता तेल मिलेगा, वह खरीदता रहेगा.
ट्रंप के बयानों पर विदेश मंत्रालय ने कहा, हमारे पूर्व के बयानों को देखें, आज भी वहीं हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं आया है. भारत कहता रहा है कि अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए हर कोशिश करेगा. जहां से उसे सस्ती डील मिलेगी, वहां से ऊर्जा जरूरतें पूरी करेगा. पाकिस्तान के साथ सीजफायर पर भी भारत ने ट्रंप के दावों को बार बार नकारा है.
भारत और अमेरिका ट्रेड परइंडिया यूएस ट्रेड डील पर विदेश मंत्रालय ने कहा, अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए निरंतर बातचीत जारी है. इस विषय पर वाणिज्य मंत्रालय ज्यादा डिटेल से बता पाएगा.
अफगानिस्तान पर हमला अस्वीकार्यअफगानिस्तान-पाकिस्तान संघर्ष पर भारत पर आरोप लगाने की कोशिशों को लेकर विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में जवाब दिया है. मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान जब अपने क्षेत्रों पर अपनी संप्रभुता का अधिकार लागू कर रहा है, तो पाकिस्तान इससे बौखला गया है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ऐसा व्यवहार कर रहा है मानो उसे बिना किसी नतीजे के सीमा-पार आतंकवाद फैलाने का अधिकार प्राप्त हो. यह रवैया उसके पड़ोसी देशों के लिए पूरी तरह अस्वीकार्य है. भारत ने स्पष्ट किया कि वह अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है.
जाकिर नाइक पर मलेशिया से की दो टूक बातविदेश मंत्री एस. जयशंकर की मलेशिया यात्रा के दौरान भारत ने भगोड़े उपदेशक जाकिर नाइक के मुद्दे को स्पष्ट रूप से उठाया. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, जयशंकर ने मलेशियाई नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता में कहा कि नाइक भारत में गंभीर आपराधिक मामलों में वांछित है और उसके खिलाफ कार्रवाई जरूरी है. भारत ने उम्मीद जताई कि मलेशिया इस मामले में संवेदनशीलता दिखाएगा और आतंक व कट्टरता से जुड़ी गतिविधियों पर सख्त कदम उठाएगा. विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि जयशंकर की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा सहयोग और प्रवासी भारतीयों से जुड़े मसलों पर भी चर्चा हुई. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत की प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा है और वह किसी भी ऐसे व्यक्ति या संगठन को संरक्षण देने के खिलाफ है जो देश की एकता और शांति के लिए खतरा बने.
क्वाड समिट परक्वाड (QUAD) को लेकर पूछे गए सवाल पर रणधीर जायसवाल ने कहा, हम क्वाड को चारों देशों के बीच साझा हितों पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच मानते हैं. किसी भी क्वाड शिखर बैठक का कार्यक्रम चारों साझेदार देशों के बीच राजनयिक परामर्श के बाद तय किया जाता है.
जापान के साथ रिश्तों पर
प्रधानमंत्री मोदी और जापान की नई प्रधानमंत्री की बातचीत पर विदेश मंत्रालय ने बात की. रणधीर जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान की नई प्रधानमंत्री से बातचीत की और उन्हें पद संभालने पर बधाई दी. जायसवाल ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई, जो भारत के लिए एक बेहद अहम और बहुआयामी साझेदारी है. उन्होंने बताया कि भारत और जापान के बीच सहयोग आर्थिक, तकनीकी, रणनीतिक और सांस्कृतिक समेत कई क्षेत्रों में फैला हुआ है.

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