विपक्ष के 234 सांसद होने के बाद भी लोकतंत्र खतरे में नजर आता है।
आखिर समझदारी की बात कब करेंगे प्रतिपक्ष के नेता?
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भारत में जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ वर्ष पूरे होने पर अनेक समारोह हो रहे हैं, तब राहुल गांधी की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में संघ की विचारधारा को कायरता वाली बता रहे है, जबकि राहुल ने तो गांधी वाला सरनेम उधार ले रखा है। राहुल का राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के परिवार से कोई सरोकार नहीं है। फिर भी राहुल अपने नाम के साथ गांधी शब्द का उपयोग करते हैं ताकि महात्मा गांधी के नाम का फायदा उठाया जा सके। उधार का सरनेम का उपयोग करने वाले राहुल को अब संघ की विचारधारा कायरता वाली नजर आती है, जबकि अपनी विचारधारा से ही संघ आज दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है। राहुल गांधी अपने अधूरे ज्ञान से संघ के बारे में कुछ भी कहे, लेकिन संघ की विचारधारा भारत की सनातन संस्कृति से जुड़ी हुई है। दुनिया में सनातन संस्कृति ही ऐसी संस्कृति है, जिसमें सभी धर्मों और विचारधाराओं का सम्मान होता है। जबकि राहुल गांधी तो उस संस्कृति के संरक्षक हैं, जिसने देश के विभाजन के समय 20 लाख हिंदुओं की हत्या की। इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर से चार लाख हिंदुओं को पलायन करना पड़ा।
ऐसी संस्कृति को राहुल ने कभी भी आलोचना नहीं की। राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं तो भारत में लोकतंत्र को खतरा बताते हैं। राहुल लोकतंत्र को खतरा बता रहे है, जब लोकसभा में 545 सांसदों में से 234 विपक्ष के सांसद है। खुद राहुल गांधी लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता है। प्रतिपक्ष का नेता होने के कारण राहुल को लोकसभा में हर विषय पर बोलने का विशेषाधिकार है। लेकिन लोकसभा में राहुल विपक्षी सांसदों के साथ हंगामा करवाते हैं। संसद का बजट और मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। राहुल संसद के अंदर स्वस्थ बहस नहीं होने देते और विदेश में जाकर लोकतंत्र को खतरा बताते हैं। राहुल गांधी हमेशा उन ताकतों के साथ खड़े नजर आते हैं जो भारत विरोधी है। किसी भी लोकतांत्रिक देश में प्रतिपक्ष के नेता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लोकतंत्र में प्रतिपक्ष के नेता को प्रधानमंत्री के बराबर सम्मान मिलता है। लेकिन आमतौर पर देखने में आया है कि राहुल अपने नेता पद के अनुरूप आचरण नहीं करते हैं। राहुल को सरकार की आलोचना करने का पूरा अधिकार है, लेकिन राहुल गांधी सरकार की आलोचना करने के बजाए देश का विरोध करते हैं। यही वजह है कि देश भर में कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो रहा है। आज कांग्रेस क्षेत्रीय दलों पर निर्भर हो गई है।
कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के कोलंबिया में दिए लोकतंत्र संबंधी बयान पर भाजपा ने कड़ा हमला किया है। राहुल ने कहा था कि भारत लोकतंत्र पर हमलों के खतरे से जूझ रहा है। इस बयान पर भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि राहुल हमेशा विदेश में जाकर भारत की छवि खराब करते हैं और प्रगति को नकारते हैं।
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के कोलंबिया में दिए गए बयान पर भाजपा ने गुरुवार को तीखा हमला बोला है। राहुल ने कोलंबिया की ईआईए यूनिवर्सिटी में आयोजित सेमिनार में भारत के लोकतंत्र को लेकर बयान दिया था और देश में विभिन्न धर्मों, भाषाओं और परंपराओं के बीच उत्पन्न खतरों की बात कही थी। इस पर भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी विदेश जाकर भारत की छवि खराब करते हैं और लोकतंत्र की आलोचना का अवसर पाकर देश को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बदनाम कर रहे हैं।भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने फिर से विदेशी मंच पर भारत को अपमानित किया। उन्होंने कहा कि लंदन में लोकतंत्र की बदनाम, अमेरिका में संस्थानों का मजाक बनाने के बाद अब कोलंबिया में राहुल गांधी ने भारत की छवि को वैश्विक स्तर पर ठेस पहुंचाई। भाटिया ने इसे सिर्फ असहमति नहीं बल्कि “देश की अवमानना” बताया।
प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी को घरा
भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी भारत-विरोधी बयान देते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी-वाड्रा परिवार ने 70 साल तक देश को गरीबी में रखा और पिछड़ा बनाए रखा। भंडारी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना, तब राहुल गांधी जलन और नफरत में लोकतंत्र और प्रगति पर सवाल उठाते हैं।'
विदेश जाकर बदनाम करना आदत बन गई वहीं, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को आदत हो गई है कि वो विदेश जाकर भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों को बदनाम करते हैं। मेघवाल ने कहा कि देश की जनता इस तरह के व्यवहार को पसंद नहीं करती।राज्य मंत्री जवाहर सिंह ने लगाया ये आरोपराज्य मंत्री जवाहर सिंह बेधम ने कहा कि राहुल गांधी का स्वभाव ही ऐसा है। वे अपनी पार्टी के स्वयंभू युवराज हैं और हमेशा भारत की छवि खराब करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की सरकारें थीं तब भी फैसले विदेशी दबाव में ही लिए जाते थे। बेधम ने दावा किया कि आज दुनिया भारत की बात मान रही है और यह बात राहुल गांधी को हजम नहीं हो रही।कोलंबिया में क्या बोले राहुल गांधी ? दरअसल लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया की ईआईए यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ा खतरा लोकतंत्र पर हो रहे हमले का है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत विविधताओं वाला देश है और लोकतंत्र ही इसे मजबूती देता है। वहीं, चीन पर राहुल ने कहा कि भारत और चीन की तुलना गलत है, क्योंकि चीन केंद्रीकृत और तानाशाही ढांचे पर चलता है, जबकि भारत की ताकत उसकी भाषाई, धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस विविधता को दबाया गया तो देश में गहरी दरारें पैदा होंगी।
राहुल ने वैश्विक राजनीति पर बोलते हुए कहा कि सुपरपावर बनने का रास्ता ऊर्जा बदलाव से होकर गुजरता है और आज अमेरिका व चीन इस ट्रांजिशन की दौड़ में हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस टकराव के बीच खड़ा है, लेकिन उसकी सबसे बड़ी चुनौती रोजगार सृजन और उत्पादन आधारित अर्थव्यवस्था का विकास है।

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