आमतौर पर माना जाता है कि हर व्यक्ति के पास दो किडनी होती है, लेकिन ऐसा नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में हजार में से कोई एक बच्चा दो नहीं 1 ही किडनी के साथ जन्म लेता है. जिन माता-पिता के बच्चे के साथ ये होता है वह चिंता में आ जाते हैं. उनके दिमाग में आता है कि क्या उनका बच्चा स्वस्थ रह सकता है. ये सवाल लाजमी भी है. इस सवाल का जवाब एक्सपर्ट्स ने दिया है.
मेडांटा-द मेडिसिटी, गुरुग्राम के पीडियाट्रिक सर्जरी और पीडियाट्रिक यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. शांदीप कुमार सिन्हा ने कहा कि जो बच्चा एक किडनी के साथ पैदा हुआ है वह भी सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है. नियमित जांच और कुछ सावधानियों के साथ ऐसा हो सकता है. अगर बच्चे के खानपान का सही ध्यान रखें और नियमित रूप से जांच कराते रहें तो कोई खतरा नहीं रहता है. अब कई अच्छी तकनीक आ गई है (गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड) इससे जन्म से पहले ही लग जाता है, जिससे परिवार पहले ही डॉक्टर की सलाह लेकर सही इलाज की तरफ जा सकता है.
सही समय पर ये जांच जरूरी
डॉ. सिन्हा कहते हैं कि ऐसे बच्चों में हर साल यूरिन में प्रोटीन और बीपी का टेस्ट जरूरी है. इन जांचों से किडनी पर स्ट्रेस या शुरुआती डैमज का संकेत पता लगाकर इलाज किया जा सकता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बच्चों को हमेशा किसी परेशानी या सावधानी में ही जीना होगा. वह दूसरे बच्चों की तरह ही खेलकूद से लेकर अन्य गतिविधियां कर सकते हैं.
एक किडनी वाले बच्चों को आमतौर पर किसी विशेष आहार की जरूरत नहीं होती है. लेकिन जो चीजें किडनी को नुकसान कर सकती है उनसे बचना चाहिए.
बच्चे के विकास पर नहीं पड़ता कोई असर
कभी-कभी, एक किडनी के साथ जन्म लेना किसी बड़े सिंड्रोम का हिस्सा हो सकता है, जिसमें अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी शामिल हों. लेकिन अधिकांश मामलों में इससे बच्चे के विकास पर कोई खराब असर नहीं पड़ता है. ऐसा नहीं है कि एक किडनी है तो बच्चा शारीरिक रूप से कमजोर रहेगा.

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