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50 करोड़ का बीमा, 3 साल इंतजार, फिर तीन मर्डर: अस्पताल से पिता की फर्जी PM रिपोर्ट बनाई !Insurance worth Rs 50 crore, 3 years of waiting, then three murders: Fake PM report of father made from the hospital!

 

मेरठ के गंगा नगर में मुकेश सिंघल का परिवार हंसी-खुशी रह रहा था। घर में पत्नी के अलावा बेटा विशाल और बहू एकता थी। 2017 में अचानक इस परिवार पर आफत आई। मुकेश की पत्नी प्रभा देवी सड़क हादसे का शिकार हो गईं। उनके सिर पर चोट लगी थी। उन्होंने मेरठ के आनंद अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।



अभी परिवार थोड़ा संभला ही था कि 2022 में मुकेश की बहू एकता की अचानक तबीयत बिगड़ी। उसे भी आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि इलाज के बाद उसे छुट्टी मिल गई थी लेकिन अगले दिन डिस्चार्ज होने से पहले रात में उसकी मौत हो गई।

अनहोनी का सिलसिला यहीं नहीं थमा। मार्च 2024 में हापुड़ गए मुकेश सिंघल भी सड़क हादसे का शिकार हुए। मामूली चोटें आई थीं। हापुड़ के ही नवजीवन अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। हालांकि उसी रात बेटे ने उन्हें मेरठ के आनंद अस्पताल में शिफ्ट करा दिया, जहां उन्होंने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

अब इन मौतों के इतने साल बाद खुलासा हुआ है कि ये हादसे नहीं, मर्डर थे। इन्हें अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि विशाल सिंघल ही है। उसने 50 करोड़ की बीमा की रकम पाने के लिए इन कोल्ड ब्लडेड मर्डर की साजिश रची। संभल पुलिस ने इसी साल जनवरी में 100 करोड़ से ज्यादा के बीमा फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। ये केस उसी की एक कड़ी है, जो अब सामने आया।

हापुड़ पुलिस ने मुकेश सिंघल के केस में हत्या की धारा जोड़कर जांच शुरू कर दी है। साथ ही साजिश रचने में शामिल विशाल, उसके दोस्त सतीश और जीजा संजय को अरेस्ट कर लिया है। आखिर विशाल ने ये सब कैसे अंजाम दिया और मामले की जांच में पुलिस से कहां चूकी हुई। दैनिक भास्कर ने टीम ने ग्राउंड पर पहुंचकर पूरा मामला समझा।

50 करोड़ के बीमा के लिए पिता की मौत की साजिश रची

संभल ASP अनुकृति शर्मा की टीम ने जब 100 करोड़ से ज्यादा के बीमा फर्जीवाड़े के नेटवर्क का खुलासा किया। तब उन्होंने सभी बीमा कंपनियों से पिछले एक-दो साल में एक्सीडेंट से हुई मौत और उनके बीमा क्लेम की डिटेल मांगी थी। उसी में मुकेश सिंघल का केस भी मिला।

इसमें कुल 50 करोड़ का बीमा था और करीब 39 करोड़ रुपए से ज्यादा का क्लेम किया गया था। एक कंपनी ने नॉमिनी विशाल सिंघल को करीब डेढ़ करोड़ रुपए दिए भी थे। हालांकि बाकी ने आपत्ति जताई थी। IPS अनुकृति शर्मा बताती हैं, 'विशाल भी कई साल तक बीमा इन्वेस्टीगेटर का काम कर चुका था। वो बिल्कुल इमोशन लेस इंसान है। उसे सिर्फ पैसा चाहिए। इसलिए उसने अपने घरवालों को ही आसान टारगेट चुना, जिसका नॉमिनी वो खुद था।'

'विशाल ने मां की मौत भी सड़क हादसे में होने का दावा किया गया था। FIR भी दर्ज कराई थी, जिसमें लिखा था- मैं और मां बाइक से जा रहे थे। पीछे से किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी। मुझे कुछ चोटें आईं और मां गिर गई। मां के सिर में चोट में लगी। इसके बाद उन्हें मेरठ के आनंद अस्पताल ले गए, जहां उनकी मौत हो गई।'

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