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बिहार चुनाव से पहले लालू-तेजस्वी को बड़ा झटका, नवादा और रजौली के विधायकों ने दिया इस्तीफा Ahead of the Bihar elections, Lalu Prasad Yadav and Tejashwi Yadav suffered a major setback as MLAs from Nawada and Rajauli resigned.


चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका दिया है। राजद विधायक संगीता कुमारी, भरत बिंद, चेतन आनंद के बाद अब दो और विधायकों ने भी अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को सौंप दिया है। नवादा से विधायक विभा देवी और रजौली (सुरक्षित) से विधायक प्रकाश वीर ने अपना इस्तीफा दिया है। लोकसभा चुनाव के बाद से यह लोग राजद के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। इन दोनों विधायकों की मौजूदगी ने तब और भी ज्यादा सियासी सरगर्मी बढ़ा दी, जब वह गया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के मंच पर दिखाई दिए। मंच साझा करने के साथ ही इन दोनों नेताओं के राजद से नाता तोड़ने की अटकलों पर मुहर लग गई थी। इधर, इस्तीफा देने के बाद प्रकाश वीर ने बताया कि मैंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। तेजस्वी यादव एक बार नवादा यात्रा पर आए थे, लेकिन उन्होंने हमें आमंत्रित नहीं किया, इसलिए हम नहीं गए। वहां भीड़ में किसी ने चिल्लाकर कहा, 'तेजस्वी भैया, प्रकाश वीर को हटाओ'। इससे मेरी आत्म-सम्मान को ठेस पहुंची। अब राजद में लौटने का कोई सवाल ही नहीं है।



विभा देवी, पूर्व मंत्री और तीन बार के विधायक रहे पूर्व श्रम राज्यमंत्री राजवल्लभ यादव की पत्नी हैं। उन्होंने 2020 में नवादा से राजद के टिकट पर जीत दर्ज की थी। लेकिन 2025 के लोकसभा चुनाव में पार्टी द्वारा श्रवण कुशवाहा को टिकट देने से वह और उनके समर्थक असंतुष्ट हो गए थे। आरोप है कि दोनों ने राजद प्रत्याशी का समर्थन नहीं किया, जिससे पार्टी नेतृत्व, खासकर तेजस्वी यादव, उनसे नाराज हो गए। इस बीच विभा देवी की भारतीय जनता पार्टी के साथ बढ़ती नजदीकी भी चर्चा में रही। अगस्त 2025 में गया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में उनकी मंच पर मौजूदगी ने राजद में हड़कंप मचा दिया था। पार्टी से टिकट कटने की आशंका और एनडीए से पारिवारिक समीकरणों के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया। अब वह नवादा सीट से भाजपा या जदयू के टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं।

परिवार की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही थीपूर्व मंत्री राजबल्लभ यादव की पत्नी और नवादा सदर से राजद विभा देवी ने कहा कि तेजस्वी और उनके कुछ करीबी नेताओं द्वारा उनके और उनके परिवार पर झूठे आरोप लगाए गए। उनके सम्मानित परिवार की छवि को खराब करने की कोशिश की गई। विभा देवी ने कहा कि वह राजनीति में अपना सम्मान बेचकर नहीं आई हैं। उन्होंने कभी घूस नहीं ली और न ही भ्रष्टाचार किया। विभा देवी ने आरोप लगाया कि जब सरकार बनाने-बिगाड़ने का खेल चल रहा था, तब तेजस्वी के साथ रहने वाले उनके कुछ करीबी नेताओं ने उनसे भारी धनराशि की मांग की थी। वह यह रकम नहीं दे सकीं। इसके बावजूद उन्होंने और विधायक प्रकाश वीर ने पार्टी नहीं छोड़ी। जबकि कई नेताओं ने उन्हें पाला बदलने का प्रलोभन दिया था। उन्होंने कहा कि यही उनकी गलती थी कि वह तेजस्वी को गलत काम के लिए पैसा नहीं दे सकीं।

2015 में पहली बार विधायक बने थे प्रकाश वीरवहीं रजौली के विधायक प्रकाश वीर, जो दलित समुदाय से आते हैं। वह 2015 में पहली बार विधायक बने थे और क्षेत्रीय विकास के मुद्दों पर सक्रिय रहे, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता में उनके खिलाफ असंतोष बढ़ता गया। अगस्त में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें RJD कार्यकर्ता 'ओ तेजस्वी भैया... प्रकाश वीर को हटाना होगा' के नारे लगा रहे थे। उसी समय से उनके BJP में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गई थीं।2020 के चुनाव में दोनों ने एनडीए को चुनाव हराया थाबिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नवादा सीट से राजद की विभा देवी ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार को हराकर यह सीट अपने नाम की थी। वहीं रजौली (सुरक्षित) सीट से भी राजद के ही प्रकाश वीर ने जीत हासिल की थी। दोनों सीटों पर राजद को मजबूत दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक समर्थन मिला था, जिससे एनडीए को कड़ी टक्कर मिली। इन दोनों सीटों पर राजद की जीत ने मगध क्षेत्र में पार्टी की स्थिति मजबूत की थी।

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