सम्पादकीय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथियोपिया की संसद से दुनिया को खास संदेश दिया। उन्होंने दो टूक कहा कि दुनिया तब तक आगे नहीं बढ़ सकती जब तक कि उनके सिस्टम अतीत में ही अटके रहें। पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ अपनी किस्मत खुद लिख रहा है। भारत और इथियोपिया एक ऐसी दुनिया का सपना देखते हैं जहां विकासशील देश किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि सबके लिए आगे बढ़ें। प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसी वैश्विक संस्थाओं में सुधार की वकालत की। उन्होंने एक ऐसी दुनिया की जरूरत पर जोर दिया जहां विकास निष्पक्ष हो, तकनीक आसानी से उपलब्ध हो और संप्रभुता का सम्मान हो।
पीएम मोदी बोले- ‘ग्लोबल साउथ’ किसी के खिलाफ नहीं...
पीएम मोदी ने इथियोपिया की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि एक ऐसी दुनिया जहां समृद्धि साझा हो और शांति की रक्षा हो। और, एक ऐसी दुनिया जहां निर्णय आज की हकीकत को दर्शाते हों, न कि 1945 की दुनिया को। ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया तब तक आगे नहीं बढ़ सकती जब तक कि उसके सिस्टम अतीत में अटके रहें। इसी वजह से भारत ने एक वैश्विक विकास समझौते पर जोर दिया है। उन्होंने बताया कि इस समझौते में टिकाऊ विकास के लिए प्रौद्योगिकी साझाकरण, सस्ती वित्त व्यवस्था, क्षमता निर्माण और व्यापार को प्राथमिकता दी जाएगी।
इथियोपिया को लेकर पीएम मोदी ने क्या कहा
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इसी सोच के तहत, नवंबर में G-20 शिखर सम्मेलन में, उन्होंने 'अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर इनिशिएटिव' का आह्वान किया था, जिसका लक्ष्य एक मिलियन प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करना है। यह पहल स्थानीय क्षमताओं का निर्माण करेगी और इथियोपिया के समावेशी और टिकाऊ विकास के प्रयासों में मदद करेगी।
भारत और इथियोपिया ग्लोबल साउथ के साथी यात्री
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि जीवंत और विविध लोकतंत्रों के रूप में, दोनों देश समझते हैं कि लोकतंत्र जीवन जीने का एक तरीका है और यह एक यात्रा है। उन्होंने कहा कि यह कभी-कभी बहस से, कभी-कभी असहमति से आकार लेता है, लेकिन हमेशा कानून के शासन और लोगों की इच्छा में विश्वास के साथ।
'जब मकड़ी के जाले एक हो जाते हैं तो शेर को भी बांध सकते हैं'
इस देश के साथ अपनी पहली यात्रा के दौरान इथियोपिया के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए, पीएम मोदी ने पहले भारत और अफ्रीकी देश को ग्लोबल साउथ के 'साथी यात्री' बताया था। उन्होंने इथियोपियाई संसद में कहा कि मुझे बताया गया है कि इथियोपिया में एक कहावत है कि जब मकड़ी के जाले एक हो जाते हैं, तो वे एक शेर को भी बांध सकते हैं। हम भी भारत में मानते हैं कि जब दिल एक हो जाते हैं, तो पहाड़ भी रास्ता दे देते हैं।
एकजुटता ही ताकत है, सहयोग ही शक्ति: पीएम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि वास्तव में, एकजुटता ही ताकत है, और सहयोग ही शक्ति है। और आज, ग्लोबल साउथ के राष्ट्रों के रूप में, प्राचीन सभ्यताओं के रूप में, दोस्तों के रूप में, भारत और इथियोपिया एक साथ खड़े हैं। हम एक परिवार के सदस्यों के रूप में एक साथ खड़े हैं। और हम एक ऐसी दुनिया के लिए काम करते हैं जो अधिक न्यायसंगत, अधिक समान और अधिक शांतिपूर्ण हो।
भारत और अफ्रीका के बीच संबंध कई गुना बढ़े: PM
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत को अफ्रीकी संघ का G20 में स्थायी सदस्य के रूप में स्वागत करते हुए गर्व हो रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले साल, BRICS ने इथियोपिया को पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करके एक और ऐतिहासिक कदम उठाया था। उन्होंने कहा कि वास्तव में, मेरी सरकार के 11 वर्षों के दौरान, भारत और अफ्रीका के बीच संबंध कई गुना बढ़ गए हैं। इस अवधि के दौरान, हमने राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के स्तर पर 100 से अधिक आदान-प्रदान यात्राएं की हैं।दोनों देशों के बीच कई अहम प्रस्तावों पर भी चर्चा
पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश प्रकृति को वापस देने में विश्वास करते हैं और उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन जॉब्स पर मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि आइए हम आपदा-लचीला बुनियादी ढांचे और जैव-ईंधन पर काम करें। और आइए हम जलवायु जस्टिस के लिए एक मजबूत आवाज उठाएं। भारत 2027 में COP-32 में ग्लोबल साउथ को एक शक्तिशाली आवाज देने के इथियोपिया के प्रयासों का समर्थन करने में खुशी महसूस करेगा।

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