माइग्रेन केवल सिर दर्द नहीं,बल्कि एक गहरा न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो व्यक्ति की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। इसके लक्षणों में सिर के एक तरफ तेज़ दर्द, मतली, उल्टी, रोशनी और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता आदि शामिल होते हैं।
कई बार हम जाने-अनजाने ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो माइग्रेन को और भड़का देती हैं। लेकिन थोड़ी सी सतर्कता और कुछ घरेलू उपायों से इस दर्द को कम किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं इन गलतियों और इनसे बचने के उपायों के बारे में-
अनियमित नींद
बहुत ज्यादा या बहुत कम नींद माइग्रेन का बड़ा कारण बन सकती है। हर दिन एक निश्चित समय पर सोने और जागने की आदत डालें।
खाना छोड़ना या असमय खाना
लंबे समय तक भूखे रहना या समय पर खाना न खाना माइग्रेन को ट्रिगर करता है। दिन में 3 मुख्य और 2 हल्के स्नैक्स जरूरी हैं।
कैफीन और शराब का अधिक सेवन
कैफीनयुक्त ड्रिंक्स और एल्कोहल माइग्रेन को और तेज कर सकते हैं। इन्हें सीमित मात्रा में ही लें।
पानी की कमी
डिहाइड्रेशन माइग्रेन को बढ़ा सकता है। दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
ज्यादा स्क्रीन टाइम
मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन की रोशनी आंखों और दिमाग पर तनाव डालती है, जिससे माइग्रेन बढ़ सकता है। हर 20 मिनट में आंखों को आराम दें।
तेज गंध या धूप में रहना
कुछ लोगों में परफ्यूम, डियोड्रेंट या धूप की तेज रोशनी भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती है। ऐसे माहौल से दूरी बनाएं।
स्ट्रेस और एंग्जाइटी
माइग्रेन का सबसे बड़ा कारण मेंटल स्ट्रेस है। रोजाना मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग या योग करें।
हार्मोनल बदलाव को नजरअंदाज करना
महिलाओं में पीरियड्स या मेनोपॉज के समय हार्मोनल उतार-चढ़ाव माइग्रेन को बढ़ाते हैं। डॉक्टर की सलाह से नियमित जांच करवाएं।
माइग्रेन से राहत के घरेलू उपाय
ठंडे पानी की पट्टी सिर पर रखें।
पुदीना या लैवेंडर ऑयल की खुशबू लें।
अदरक की चाय पिएं, ये सूजन और दर्द कम करता है।
ट्रिगर फूड्स जैसे चॉकलेट, चीज और फास्ट फूड से बचें।
मैग्नीशियम और विटामिन बी12 से भरपूर चीजें खाएं जैसे पालक, केला, दही।
इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप माइग्रेन पेन को काफी हद तक कम कर सकते हैं और जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

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