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इकोनॉमिक सुसाइड होगी, घाटे में रहेंगे, विदेश मंत्री जयशंकर की चेतावनी, किस-किस देश को होगा नुकसान?There will be economic suicide, we will be in loss, Foreign Minister Jaishankar warns, which countries will suffer losses

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिमी देशों अमेरिका और यूरोप को साफ-साफ शब्दों में एक चेतावनी दी है. नई दिल्ली में हुए ‘इंडिया वर्ल्ड एनुअल कॉन्क्लेव 2025’ में उन्होंने अप्रवास (इमिग्रेशन), स्किल्ड वर्कर्स और टैलेंट मोबिलिटी पर बात की. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका और यूरोप ने वर्कफोर्स मोबिलिटी यानी कुशल अप्रवासियों की आवाजाही पर कठोर प्रतिबंध लगाए तो इन देशों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.


टैलेंट मोबिलिटी पर रोक को इकोनॉमिक सुसाइड बताया

विदेश मंत्री ने साफ संदेश दिया है कि वैश्विक प्रतिभा के प्रवाह (Talent Mobility) को आने-जाने से रोकना आर्थिक आत्महत्या करने जैसा होगा. घाटा झेलना पड़ सकता है. पश्चिमी देश नेट लूजर कहलाएंगे. क्योंकि एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग के दौर में ट्रेंड वर्कफोर्स की मांग बढ़ रही है. बता दें कि भारत की ओर से यह बयान दिया गया है, क्योंकि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थक H-1B वीजा प्रोग्राम के नए नियम बनाने की मांग कर रहे हैं, वहीं यूरोप में एंटी-इमिग्रेशन पॉलिटिक्स चल रही है.

मंत्री जयशंकर ने अवैध प्रवास को भी गैर-कानूनी बताया

फरवरी 2025 में उन्होंने अमेरिका के अवैध भारतीय अप्रवासियों को डिपोर्ट करने के फैसले का समर्थन किया था और कहा था कि किसी भी देश में अवैध तरीके से रहना गैर-कानूनी है. सभी देशों की जिम्मेदारी है कि वे अमेरिका या अन्य देशों में अवैध तरीके से रह रहे अपने नागरिकों को वापस अपने वतन लाएं. इस बीच अब उन्होंने कहा है कि अपने देश में आर्थिक संकट के लिए प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराना गलत है. पश्चिमी देशों ने जानबूझकर अपनी कंपनियों को देशों में शिफ्ट किया है.

बेरोजगारी का कारण कंपनियों की विदेशों में शिफ्टिंग

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जब कंपनियां विदेशों में शिफ्ट हो गईं तो देश के लोगों को रोजगार नहीं मिला. इसके लिए दूसरे देश से आए लोग नहीं, बल्कि खुद की पॉलिसी और गतिविधियां जिम्मेदार हैं. अगर अमेरिका ने H-1B वीजा की फीस बढ़ा दी और नियम सख्त कर दिए तो लोग बिजनेस और नौकरी के लिए सफर नहीं कर पाएंगे. लोग नहीं आ पाएंगे तो कंपनियां अपना काम दूसरे देशों में शिफ्ट कर देंगे, इसका नुकसान भी पश्चिमी देशों को ही आर्थिक रूप से उठाना पड़ेगा.

इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नुकसान बताया

विदेश मंत्री जयशंकर ने पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका और यूरोपीय देशों जैसे ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस आदि पर निशाना साधा और कहा कि अमेरिका H-1B वीजा प्रोग्राम पर सख्ती बरतोगा तो इससे अमेरिका में इनोवेशन पीछे रह जाएगा और इकाेनॉमिक ग्रोथ रुकेगी. यूरोपीय संघ (EU) में एंटी-इमिग्रेंट पॉलिटिक्स हुई तो यूरोपीय देशों को स्किल्ड वर्कफोर्स की कमी झेलनी पड़ेगी, जिससे मैन्युफैक्चरिंग और टेक सेक्टर प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए सोच समझकर फैसला लें.

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