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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जनरल सेक्रेटरी दत्तात्रेय होसबोल ने हिंदुत्व के कॉन्सेप्ट पर अपना बात रखी है। आरआरएस जनरल सेक्रेटरी ने हिंदुत्व के कॉन्सेप्ट को "भारत की आत्मा" बताया है। उन्होंने आगे कहा कि लोगों में जागरूकता बढ़ाकर, सामाजिक मेलजोल बढ़ाकर और कानूनों को सख्ती से लागू करके धर्म बदलने को रोका जा सकता है।
हमारा भारत वो भारत
आरएसएस सरकार्यवाह ने कहा कि दत्तात्रेय होसबोल ने कहा कि भगवान को इसी रास्ते से पाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि हमारा भारत वो भारत है जो पूरी सृष्टि को एक मानता है। हिंदू कल्चर के अलग-अलग एक्सप्रेशन और विविधताएं हैं लेकिन इसका मूल एक है।
धर्म परिवर्तन पर ऐसे लग सकती है रोक
सभा में एक व्यक्ति के धर्म बदलने के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि धर्म जागरण, सेवा के काम, सामाजिक मेलजोल, संतों के दौरे और कानूनों को सख्ती से लागू करने से धर्म बदलने पर रोक लग सकती है।
इस कॉन्सेप्ट को समझने की जरूरत
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में धर्म का कॉन्सेप्ट सिर्फ अंग्रेजी शब्द "रिलीजन" तक सीमित नहीं है और इसे बड़े पैमाने पर समझने की जरूरत है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि ट्रैफिक नियम सबसे लिए एक जैसे हैं।
रिलीजन बदला जा सकता है लेकिन...
गाड़ी एक रिलीजन है और गाड़ी एक धर्म। उन्होंने आगे कहा कि रिलीजन बदला जा सकता है, लेकिन धर्म नहीं। अगर धर्म बदलने के पीछे के इरादे गलत हैं, तो सावधान रहने और ऐसे कामों को रोकने की जरूरत है।संगठन ने किए इतने कार्य
इंदौर में आयोजित ‘प्रमुख जन गोष्ठी’ में होसबोले ने 1975 की इमरजेंसी और अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान RSS के स्वयंसेवकों के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि संगठन ने समाज के समर्थन से पिछली सदी में एक लाख से ज्यादा सेवा कार्य किए हैं।हिंदू बताने से कतराने लगे लोग
एक और सवाल के जवाब में RSS के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि सेक्युलरिज्म के कॉन्सेप्ट पर अड़े रहने की वजह से कुछ लोग खुद को हिंदू बताने में हिचकिचाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व के मुख्य विचारों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने की जरूरत है।

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