नरेंद्र मोदी सरकार मनरेगा को खत्म करके, उसकी जगह एक नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने लोकसभा सदस्यों को एक बिल का ड्राफ्ट भेजा है। इसका मकसद 'विकसित भारत @2047' के राष्ट्रीय विजन के तहत ग्रामीण विकास का एक ढांचा तैयार करना है। यह नया कानून 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)' बिल 2025 के नाम से जाना जाएगा। यह कानून मौजूदा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 को खत्म कर देगा।
मनरेगा की जगह नए कानून की तैयारी
यूपीए सरकार मनरेगा कानून लेकर आई थी, जिसमें ग्रामीण परिवारों को हर साल 100 दिन के रोगार की गारंटी देता है। नए बिल में सरकार ने ग्रामीण परिवारों को हर साल 125 दिन के रोजगार की गारंटी देने का प्रस्ताव किया है। यह रोजगार उन ग्रामीण परिवारों के लिए होगा जिनके वयस्क सदस्य बिना किसी खास हुनर वाले मैनुअल काम करने के लिए तैयार होंगे। इस कानून का लक्ष्य ग्रामीण भारत को समृद्ध और मजबूत बनाना है। यह सशक्तिकरण, विकास, तालमेल और हर घर तक लाभ पहुंचाने पर जोर देगा।
'विकसित भारत' पर नजर, सरकार का नया प्लान
मनरेगा कानून को साल 2005 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने बनाया था। 2 अक्टूबर 2009 से इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) कर दिया गया था। यह बदलाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार का मानना है कि नया कानून 'विकसित भारत' के लक्ष्य को हासिल करने में ज्यादा मददगार साबित होगा। यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और लोगों की आजीविका को बेहतर बनाने पर केंद्रित होगा।
100 दिन की जगह 125 दिन का मिलेगा रोजगार
मनरेगा ने पिछले कुछ सालों में ग्रामीण इलाकों में रोजगार मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन, सरकार अब इसमें कुछ बदलाव लाना चाहती है ताकि यह और ज्यादा प्रभावी हो सके। नए कानून में रोजगार के साथ-साथ आजीविका के अन्य साधनों को भी बढ़ावा देने की बात कही गई है। इस नए कानून के आने से ग्रामीण विकास की योजनाओं में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास तेजी से हो और वहां के लोगों को बेहतर जीवन स्तर मिले।संसद में बिल लाने का प्रस्ताव, MPs को सौंपी गई कॉपी
'विकसित भारत @2047' का प्लान ऐसा है जिसका एक मात्र लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाना है। इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं बना रही है और यह नया ग्रामीण रोजगार कानून उसी का एक हिस्सा है। यह बिल का ड्राफ्ट सांसदों को दिया गया है। सरकार की कोशिश इसी सत्र में इस बिल को संसद में पेश करने पर है। जिसके बाद इस पर चर्चा होगी और फिर इसे पारित किया जाएगा। अगर यह बिल पास हो जाता है, तो मनरेगा की जगह नया कानून लागू हो जाएगा और ग्रामीण रोजगार की गारंटी में कुछ बदलाव आ जाएंगे। सरकार का कहना है कि यह बदलाव ग्रामीण भारत के भविष्य के लिए जरूरी है।

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