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सिविल राइट्स एनफोर्समेंट सेल के पास जाति के दावों की खुद से जांच करने का अधिकार नहीं है: कर्नाटक हाईकोर्टCivil Rights Enforcement Cell Has No Power To Inquire Into Caste Claims On Its Own: Karnataka High Court

 कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि सिविल राइट्स एनफोर्समेंट सेल (CRE सेल) के पास डिस्ट्रिक्ट कास्ट वेरिफिकेशन कमिटी से फॉर्मल रेफरेंस के बिना, किसी व्यक्ति की जाति वेरिफाई करने के लिए खुद से जांच शुरू करने का अधिकार नहीं है। [टीएच होसामनी बनाम कर्नाटक राज्य और अन्य]


जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने बताया कि कर्नाटक शेड्यूल्ड कास्ट्स, शेड्यूल्ड ट्राइब्स एंड अदर बैकवर्ड क्लासेस (रिज़र्वेशन ऑफ़ अपॉइंटमेंट्स, वगैरह), रूल्स, 1992 के रूल 7(4) के मुताबिक, CRE सेल तभी एक्शन ले सकता है जब कास्ट वेरिफिकेशन कमेटी किसी व्यक्ति की जाति की स्थिति के बारे में जांच करने के लिए रेफरेंस दे।

जज ने कहा कि इस बात को पहले के हाईकोर्ट के फैसलों में भी माना गया है।

कोर्ट ने कहा, "जो बात साफ तौर पर सामने आएगी, वह यह है कि सिविल राइट्स एनफोर्समेंट सेल के पास (किसी व्यक्ति) के जाति सर्टिफिकेट की खुद से जांच करने का अधिकार नहीं है।"

कोर्ट ने यह बात एक रिटायर्ड हेडमास्टर के खिलाफ उनके जाति सर्टिफिकेट की वैलिडिटी के संबंध में शुरू की गई कार्रवाई को खारिज करते हुए कही, जब CRE सेल ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी।

हेडमास्टर ने अपने जाति सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी और प्रमोशन हासिल किया था, जिसमें कहा गया था कि वह एक नोटिफाइड अनुसूचित जाति से हैं।

हालांकि, CRE सेल में हेडमास्टर की जाति पर सवाल उठाते हुए एक शिकायत दर्ज की गई थी।

CRE सेल ने प्राइवेट शिकायत पर खुद से जांच शुरू की, जबकि डिस्ट्रिक्ट कास्ट वेरिफिकेशन कमेटी ने ऐसी जांच के लिए कोई रेफरल नहीं दिया था।

आखिरकार इसने डिस्ट्रिक्ट कास्ट वेरिफिकेशन कमेटी को हेडमास्टर का जाति सर्टिफिकेट रद्द करने की कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया। कमेटी ने उनका जाति सर्टिफिकेट रद्द कर दिया।

इस कार्रवाई को हेडमास्टर (पिटीशनर) ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

पिटीशनर के वकील ने यह भी बताया कि वह पहले ही एक संबंधित क्रिमिनल केस में बरी हो चुके थे और पहले ही रिटायर हो चुके थे। इसलिए, बाद में उनके जाति सर्टिफिकेट को कैंसल करने का इस्तेमाल उनके रिटायरमेंट बेनिफिट्स को रोकने के लिए नहीं किया जा सकता।

कोर्ट ने 18 नवंबर को कहा कि CRE सेल की 'गैर-कानूनी' जांच के बाद की गई हर कार्रवाई का कोई कानूनी महत्व नहीं है।

कोर्ट ने जाति सर्टिफिकेट कैंसल करने के ऑर्डर को रद्द कर दिया है, जबकि राज्य को रिटायर्ड हेडमास्टर के टर्मिनल बेनिफिट्स जारी करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा, "अगर याचिकाकर्ता के टर्मिनल बेनिफिट्स ऊपर बताए गए (जाति सर्टिफिकेट कैंसल करने) ऑर्डर के आधार पर रोके गए हैं, तो उन्हें बिना किसी देरी के जारी किया जाएगा।"

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