नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यों की समिति ने देश के अगले चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ( CIC ) के बारे में फैसला कर लिया है। समिति की बैठक बुधवार को हुई। सूत्रों ने बताया कि इसमें CIC और 8 सूचना आयुक्तों के बारे में फैसला किया गया। हालांकि समिति में शामिल विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कुछ नामों पर असहमति जताई।केंद्रीय सूचना आयुक्त का पद 13 सितंबर से खाली है और आयोग में 10 में से 8 सूचना आयुक्तों के पद भी रिक्त हैं। इसे देखते हुए बुधवार को पीएम की अध्यक्षता वाली समिति की बैठक प्रधानमंत्री आवास में हुई, जिसमें तीसरे मेंबर गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे।
लिखित तौर पर दर्ज कराई असहमति
सूत्रों ने बताया कि राहुल ने नियुक्त किए जाने वालों के बारे में और जानकारी देने की बात उठाई और उन्होंने CIC और 8 सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के पैमानों पर भी सवाल किए। नियुक्ति प्रक्रिया पर असंतोष जताते हुए उन्होंने इस बारे में अपनी असहमति लिखित तौर पर दर्ज कराई।
3083 मामले लंबित
CIC की वेबसाइट के अनुसार, उसके सामने 3083 मामले लंबित है। 2014 के बाद यह सातवां मौका है, जब देश में कोई मुख्य सूचना आयुक्त नहीं है। 2023 में मुख्य सूचना आयुक्त बनने वाले हीरालाल सामारिया ने 65 साल की उम्र होने पर इस साल 13 सितंबर को पद छोड़ा था। 2014 में राजीव माथुर के पद छोड़ने पर केंद्रीय सूचना आयोग में पहली बार ऐसा हुआ था कि कोई मुख्य आयुक्त नहीं था।TMC ने NDA सरकार पर साधा निशाना
CIC और S सूचना आयुक्तों के पद खाली होने का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में भी उठा। तृणमूल कांग्रेस सांसद मोहम्मद नदीमुल हक ने कहा कि पद खाली होने के चलते लंबित अपीलों के निस्तारण में दो-तीन साल तक की देर हो रही है और जब तक वह सूचना मिलेगी, तब तक उसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा। उन्होंने NDA सरकार को 'नो डेटा अवेलेबल' सरकार कहते हुए आरोप लगाया कि सरकार नागरिकों को सूचना देने से कतरा रही है।

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