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ह्यूमन ट्रैफिकिंग में फंसाने की धमकी देकर बुजुर्ग से 76 लाख की साइबर ठगी, क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर जालसाजों ने रची साजिशAn elderly man was defrauded of 76 lakh rupees in a cyber scam after being threatened with being implicated in human trafficking; the fraudsters posed as Crime Branch officers to carry out the scheme.

 जबलपुर। साइबर ठगी का एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ह्यूमन ट्रैफिकिंग के गंभीर केस में फंसाने की धमकी देकर एक बुजुर्ग से 76 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। ठगों ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर फोन किया और बुजुर्ग को डर के साए में इस कदर जकड़ लिया कि उन्होंने अपनी जीवनभर की जमा पूंजी ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दी। मामले की शिकायत मिलने के बाद मध्य प्रदेश साइबर सेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किया है।


 जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला जबलपुर के संजीवनी नगर थाना क्षेत्र का है। जालसाजों ने बुजुर्ग को फोन कर खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और कहा कि उनका नाम ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े एक बड़े मामले में सामने आया है। ठगों ने पीड़ित को यह भी बताया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और जांच के नाम पर तत्काल रकम जमा नहीं की गई तो उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।

 इस दौरान ठगों ने सुप्रीम कोर्ट और क्राइम ब्रांच के नाम से बनाए गए फर्जी दस्तावेज भी पीड़ित को भेजे, जिससे उनकी बातों पर भरोसा और गहरा हो गया। डर और मानसिक दबाव में आए बुजुर्ग ने बिना किसी से सलाह लिए ठगों के बताए खाते में रकम ट्रांसफर कर दी। 24 नवंबर को पीड़ित ने एक ही बार में 76 लाख रुपये की बड़ी राशि ट्रांसफर की थी। ठगों ने पीड़ित को यह विश्वास दिलाया था कि जांच पूरी होते ही रकम वापस कर दी जाएगी, लेकिन इसके बाद संपर्क टूट गया। जब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

 शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस ने तकनीकी जांच करते हुए पैसों की लेनदेन की कड़ियां जोड़ीं और आरोपियों की लोकेशन का पता लगाया। इसके बाद साइबर सेल की टीम ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दबिश देकर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। साइबर पुलिस का कहना है कि यह एक संगठित साइबर ठगी गिरोह का मामला हो सकता है। 

आरोपी केवल मोहरे हैं या गिरोह के अहम सदस्य, इसकी जांच की जा रही है। पुलिस अब कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए गिरोह के सरगना तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इस घटना के बाद पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल पर खुद को अधिकारी बताने वालों की बातों में न आएं और किसी भी तरह की धमकी या डराने वाली कॉल आने पर तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें।

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