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चुनाव लड़ने की उम्र 25 की जगह 18 साल हो, लोकसभा में शिवसेना सांसद शिंदे ने रखी ये मांगShiv Sena MP Shinde demanded that the age forcontesting elections be 18 years instead of 25 in the Lok Sabha.

 संसद में चुनाव सुधारों को लेकर चल रही बहस के दौरान कई तरह के सुधार किए जाने की मांग उठने लगी है. शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे ने कल मंगलवार को संसद में चुनाव लड़ने की उम्र घटाने की मांग कर डाली. उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 25 से घटाकर 18 साल करने की मांग की, साथ ही प्रवासी वोटरों के लिए रिमोट वोटिंग की इजाजत दिए जाने की बात कही.


लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सांसद शिंदे ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को सभी चुनावों के लिए एक कॉमन वोटर लिस्ट शुरू करनी चाहिए और लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने चाहिए. उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यक्ति 18 साल का होने पर वोट डाल सकता है तो उसे चुनाव लड़ने के भी योग्य माना जाना चाहिए.”

राजनीतिक विरोधियों पर बरसे श्रीकांत शिंदे

फिलहाल वर्तमान में लोकसभा या विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनने की न्यूनतम उम्र 25 साल है.

महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और कल्याण से 3 बार के लोकसभा सदस्य चुने गए श्रीकांत शिंदे ने महाराष्ट्र में अपने राजनीतिक विरोधियों पर भी निशाना साधा, जिन्होंने हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में उम्मीदवारों के निर्विरोध जीतने का मुद्दा उठाया था.

शिंदे ने कहा, “अगर (शिवसेना-UBT) के नेता पंचायत चुनाव लड़ने वाले अपने कार्यकर्ताओं का साथ नहीं देंगे तो आप क्या उम्मीद करते हैं? UBT नेताओं ने लोकसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित की, लेकिन अपने कार्यकर्ताओं का साथ नहीं दिया.” उन्होंने राज्य के विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यही वजह थी कि कांग्रेस-शिवसेना (UBT) और NCP-SP के विपक्षी महा विकास अघाड़ी को साल 2024 के चुनाव में हार मिली.

स्वतंत्र संस्था नहीं सरकार का हिस्सा लग रहा EC: सुले

वहीं, लोकसभा में बहस में हिस्सा लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) की नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था होने की जगह सरकार का हिस्सा लग रहा है. उन्होंने निराशा जताते हुए कहा, “यह दुनिया के किसी भी लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. यह शर्मनाक है.”

साथ ही एनसीपी नेता ने महाराष्ट्र में जारी स्थानीय निकाय चुनावों के आयोजन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का भी आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि सत्तारुढ़ गठबंधन में सहयोगी शिवसेना के नेता से मिली जानकारी के बाद BJP के एक नेता के घर से भारी मात्रा में कैश जब्त की गई थी.

सुप्रिया सुले ने कहा कि 20 से ज्यादा स्थानीय निकायों में, सत्ताधारी गठबंधन के मंत्रियों और नेताओं के रिश्तेदारों को निर्विरोध तरीके से जीत मिली है.

लोकसभा में बोलते हुए, CPI(M) सदस्य अमरा राम ने भी कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी की तरह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की भी मांग की, और कहा कि बीजेपी ने भी लोकसभा चुनाव जीतने से पहले ऐसी ही मांग की थी. इसी तरह राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद अभय कुमार सिन्हा ने भी बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की. सिन्हा ने यह भी कहा कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव बैलेट पेपर से करवाए.

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