भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र 17 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 17 दिसंबर का दिन प्रदेश की विधानसभा के इतिहास में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसी दिन पहली विधानसभा का गठन हुआ था। इसी अवसर को स्मरण करते हुए इस वर्ष एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस विशेष सत्र में सभी विधायक “विकसित मध्यप्रदेश” के विषय पर गंभीर और सार्थक चर्चा करेंगे। प्रदेश को विकास की नई दिशा देने, उसे आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के लक्ष्य को लेकर सदन में विचार-विमर्श किया जाएगा। चर्चा के दौरान जो निष्कर्ष निकलेंगे, उनके आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सत्र केवल औपचारिक नहीं होगा, बल्कि प्रदेश के भविष्य को दिशा देने वाला और प्रभावी साबित होगा। इधर, विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। कांग्रेस विधायक दल की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलायी गई है, जो सोमवार शाम 7 बजकर 30 मिनट पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के निवास पर आयोजित होगी। इस बैठक में विशेष सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों और पार्टी की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, विधायक दल की बैठक में प्रदेश की आर्थिक स्थिति, किसानों की समस्याएं, युवाओं के रोजगार, महिलाओं से जुड़े सवाल, आदिवासी, दलित, पिछड़े और कमजोर वर्गों के हितों के साथ-साथ विकास की वास्तविक चुनौतियों पर मंथन किया जाएगा। पार्टी का फोकस इस बात पर रहेगा कि “विकसित मध्यप्रदेश” के दावे और जमीनी हकीकत के बीच का अंतर सदन के सामने मजबूती से रखा जाए।
बताया जा रहा है कि 17 दिसंबर को होने वाले इस एक दिवसीय विशेष सत्र में मध्यप्रदेश को एक विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने के विषय पर विस्तृत और गंभीर चर्चा प्रस्तावित है। इस सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही अपनी-अपनी रणनीति के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
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