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इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट में बड़ा बदलाव संभव, बंगाली से पलासिया तक अंडरग्राउंड रूट पर 14 दिसंबर की बैठक में होगा फैसलाA major change is possible in the Indore Metro project; a decision on the underground route from Bangali to Palasia will be made in the meeting on December 14.

 इंदौर। शहर में लंबे समय से चल रहा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। बंगाली चौराहा से पलासिया चौराहा तक के हिस्से को अंडरग्राउंड करने का प्रस्ताव राज्य सरकार की उच्च स्तरीय बैठक में रखने की तैयारी शुरू हो गई है। यह बैठक 14 दिसंबर को इंदौर में आयोजित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। इस बैठक में सभी जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ अधिकारियों और विषय विशेषज्ञों की उपस्थिति में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर व्यापक चर्चा की जाएगी। इंदौर के सबसे भीड़भाड़ वाले इस हिस्से में पहले से मंजूर प्लान के अनुसार एलिवेटेड मेट्रो रूट का निर्माण होना था

। लेकिन इस योजना को लागू करने में भारी चुनौतियां सामने आ रही हैं, क्योंकि एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए बड़ी संख्या में मकान और इमारतों को तोड़ना पड़ेगा। जमीन अधिग्रहण की जटिल प्रक्रिया से लेकर स्थानीय लोगों के विरोध तक, यह पूरा क्षेत्र विवाद का केंद्र बन गया है। यही वजह है कि जनप्रतिनिधियों ने पिछले दिनों नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की बैठक में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। बैठक में यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि यदि इस क्षेत्र में मेट्रो को भूमिगत कर दिया जाए, तो न केवल मकान तोड़ने की जरूरत कम होगी, बल्कि शहर के घनी आबादी वाले हिस्से में ट्रैफिक और संरचनात्मक परेशानियां भी कम होंगी।

पिछली बैठक में मौजूद अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे और मेट्रो कंपनी के प्रबंध संचालक कृष्णन चैतन्य ने भी विस्तृत चर्चा के बाद इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। बैठक के मिनट्स तैयार किए गए और मेट्रो कंपनी के माध्यम से राज्य सरकार को संशोधित प्रस्ताव भेजा गया। हालांकि भोपाल में अब तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अब 14 दिसंबर की बैठक को इस मुद्दे पर अंतिम दिशा मिलने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार, जब इंदौर के भविष्य के विकास की दिशा तय करने के लिए बैठक बुलाई गई है, तो मेट्रो जैसे बड़े और लंबित प्रोजेक्ट को नजरअंदाज करना संभव नहीं है

। कलेक्टर शिवम वर्मा ने भी पुष्टि की कि इस बैठक में मेट्रो के इस प्रस्ताव को रखने की तैयारी की जा रही है, और जनप्रतिनिधि भी अपने विचार मुख्यमंत्री के सामने रख सकेंगे। इस चर्चा के बाद यह स्पष्ट हो सकता है कि इंदौर के दिल कहे जाने वाले इस हिस्से में मेट्रो की दिशा अब जमीन के ऊपर चलेगी या नीचे। अब सभी की निगाहें 14 दिसंबर को होने वाली बैठक पर टिकी हैं, क्योंकि यही बैठक तय करेगी कि इंदौर के इस महत्वपूर्ण हिस्से में मेट्रो का भविष्य कैसा होगा और शहर के विकास की रूपरेखा किस स्वरूप में आगे बढ़ेगी।

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