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जिंदा जल गए 13 लोग, 100 की टूट गईं हड्डियां...आपातकालीन खिड़की से नहीं निकल पाई13 people were burned alive, 100 suffered broken bones... they couldn't escape through the emergency window.

 दो कारों की टक्कर के बाद चालक बहस करने लगे। बाद में टेंपो ट्रेवलर टकराया। फिर एक के बाद एक बसों की टक्कर से हादसा हुआ। आग लगी और 13 लोग जिंदा जल गए। 100 से अधिक घायल हुए। अधिकतर लोगों सिर, हाथ, पैर, कंधे में चोट लगी। 100 लोगों की हड्डियां टूट गईं। बसों में छोटी आपातकालीन खिड़की होने की वजह से लोगों को रास्ता नहीं मिला। खिड़कियों के शीशे तोड़कर सभी को बाहर निकालना पड़ा।घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया कि तड़के 4:30 बजे हादसा हुआ। दो लोगों की बहस भीषण हादसे का कारण बनी। सूचना पर पुलिस की तीन पीआरवी 6, 9 और 13 मिनट में पहुंच गई थीं। इसके बाद एसएचओ पहुंचे और दमकल की गाड़ियां भी आ गईं। लोगों को बचाने का कार्य शुरू करा दिया गया। बसों में फंसे लोगों का बाहर निकलना भी आसान नहीं था। सात बसें स्लीपर वाली थीं।


इनमें सीट पूरी तरह से फुल थीं। तकरीबन 400 से अधिक यात्री थे। इसके साथ बसों में सामान भी रखा हुआ था। तड़के हादसा होने की वजह से ज्यादातर यात्री सो रहे थे। जब टक्कर हुई तो एक के बाद एक वाहन टकराते रहे। इससे बसों में सवार यात्रियों को संभलने का माैका नहीं मिला। उनके कई जगह चोट लगी।यात्रियों ने भागने के लिए इमरजेंसी खिड़की का प्रयोग करना चाहा मगर वो काफी ऊंचाई पर थी और छोटी थी। इस वजह से लोग बाहर नहीं निकल पाए। सामान और पर्दे से आग भड़कती गई। फिर यात्रियों को खिड़कियों को तोड़कर बाहर निकाल लिया गया। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कार व बसों के झुंड में 70 मीटर तक फैली आगहादसे के दौरान एक साथ आंबेडकर नगर डिपो की रोडवेज बस, सात डबल डेकर बसें और ब्रेजा कार धू-धूकर कर जलने गली। एक के बाद एक सीरीज के हिसाब से करीब 70 मीटर तक एक्सप्रेस-वे पर आग फैल गई। कार व बसों के झुंड में आग की लपटें इतनी भीषण हो गईं कि 10 मीटर के दायरे में सब कुछ जलकर राख हो गया।

पांच घंटे बंद रही यमुना एक्सप्रेसवे की एक लाइनहादसे के बाद एक्सप्रेस-वे की आगरा से दिल्ली की ओर जाने वाली लाइन करीब पांच घंटे तक बंद रही। यातायात पुलिस ने रूट डायवर्जन कर वाहनों को नौहझील अन्य मार्गों से निकाला। करीब पांच घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद जले व क्षतिग्रस्त वाहनों को एक्सप्रेस-वे से हटाया। इसके बाद आवागमन शुरू हुआ। मथुरा समेत तीन जिलों से आए बचाव दल ने कड़ी मशक्कत के बाद मौके से घायलों को रेस्क्यू किया। कई थानों के मौजूद पुलिस बल ने एक्सप्रेस-वे पर बिखरे पड़े यात्रियों के सामान को एक स्थान पर रखा। सुबह 4:30 बजे से 8:30 बजे तक यही सिलसिला चलता रहा। 

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