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यूट्रस निकालने से पहले और बाद में शरीर में क्या होता है? What happens in the body before and after uterus removal?


दिल्ली। यूट्रस महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जहां पीरियड्स, कंसीव करने और शिशु का विकास के लिए जरूरी होता है।



हालांकि, कई बार महिलाओं को कुछ सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे ज्यादा ब्लीडिंग, यूट्रस में फाइब्रॉइड, एंडोमेट्रियोसिस या कैंसर जैसी स्थितियों के होने के कारण यूट्रस को सर्जरी द्वारा हटवाना पड़ता है, जिसे हिस्टेरेक्टॉमी कहा जाता है। यह शारीरिक और मानसिक रूप से महिला के जीवन में कई बदलाव लाती है। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से-

यूट्रस निकालने के कारण 

ज्यादा या असामान्य मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग।

यूट्रस (गर्भाशय) में फाइब्रॉइड या ट्यूमर।

एंडोमेट्रियोसिस या एडिनोमायोसिस

यूट्रस, सर्विक्स या एंडोमेट्रियल कैंसर

पेल्विक इंफेक्शन या यूट्रस का प्रोलैप्स (नीचे खिसक जाना)

यूट्रस निकालने के बाद क्या होता है?

जब यूट्रस निकाला जाता है, तो महिला की कंसीव करने की क्षमता खत्म हो जाती है। अगर ओवरीज को भी निकाल दिया जाए, तो शरीर में हार्मोन उत्पादन रुक जाता है और महिला में तुरंत मेनोपॉज के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इस प्रॉसेज के बाद पीरियड्स भी पूरी तरह बंद हो जाता है।

इसके प्रमुख दुष्प्रभाव 

प्रजनन क्षमता की समाप्ति- सर्जरी के बाद महिला प्रेग्नेंट (गर्भवती) नहीं हो सकती, जिससे कई बार इसका भावनात्मक असर भी देखने को मिल सकता है।

मेनोपॉज के लक्षण (अगर ओवरी भी निकाले गए हों)- अचानक हार्मोन में गिरावट के कारण शरीर में गर्मी लगना रात में पसीना आना, चिड़चिड़ापन, थकान और अनिद्रा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

हार्मोनल असंतुलन- एस्ट्रोजन की कमी के कारण स्किन रूखी हो सकती है, बाल झड़ सकते हैं और स्किन पर झुर्रियां जल्दी आने लगती हैं।

हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस)- हार्मोन की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है।

सेक्स लाइफ पर प्रभाव- कुछ महिलाओं में सेक्स इच्छा में कमी, योनि में सूखापन या सेक्स के समय दर्द हो सकता है।

भावनात्मक और मानसिक असर- यूट्रस खोने के भावनात्मक प्रभाव से डिप्रेशन, अकेलापन या सेल्फ इमेज में गिरावट की भावना उत्पन्न हो सकती है।

यूरिन या पेट साफ करने में समस्या- पेल्विक मांसपेशियों में बदलाव के कारण कुछ महिलाओं को इन अंगों के कार्य में भी बदलाव महसूस हो सकता है।

यूट्रस निकालना तब आवश्यक होता है जब कोई सीरियस हेल्थ कंडीशन हो, लेकिन यह निर्णय सोच-समझकर और एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही लेना चाहिए।सर्जरी के बाद उचित खानपान, एक्सरसाइज हार्मोन थेरेपी, और मानसिक सहयोग से महिला एक हेल्दी लाइफ जी सकती है।

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