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पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने पर मंथन, आज से तीन दिवसीय कार्यशाला, जनप्रतिनिधि और अधिकारी होंगे शामिलA three-day workshop will begin today to make panchayats self-reliant, with public representatives and officials participating.

 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पंचायतों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के लिए राज्यस्तरीय कार्यशाला का सोमवार को शुभारंभ करेंगे. कार्यशाला पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 24 से 26 नवंबर तक कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कंन्वेंशन सेंटर, भोपाल में आयोजित की जा रही है. कार्यशाला में तीन दिन तक मंथन होगा. मोहन यादव वाटर शेड महोत्सव का शुभारंभ के साथ ही जल गंगा संवर्धन अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारी को पुरस्कृत करेंगे.


कार्यशाला में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, संपतिया उइके, कुंवर विजय शाह, राधा सिंह सहित बड़ी संख्या में जन-प्रतिनिधि, विषय-विशेषज्ञ और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहेंगे.

कार्यशाला का मकसद

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पंचायतों को प्रशासनिक, वित्तीय एवं सामुदायिक स्तर पर मजबूत बनाते हुए उन्हें आत्मनिर्भर एवं समृद्ध बनाने की दिशा में ठोस रणनीति तैयार करना है. इसके अंतर्गत स्थानीय शासन की पारदर्शिता व जवाबदेही, मनरेगा, आजीविका मिशन, सामाजिक अंकेक्षण, डिजिटल ट्रैकिंग एवं मॉनिटरिंग, वित्तीय प्रबंधन एवं पंचायत शासन, ‘स्वनिधि से समृद्धि’ अभियान, वाटरशेड परियोजनाओं का क्रियान्वयन, शुद्ध पेयजल, स्वच्छ ग्राम तथा विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं का प्रभावी संचालन, पेसा ग्राम सभाओं की वर्तमान स्थिति एवं सफल क्रियान्वयन जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा और प्रशिक्षण दिया जाएगा.

पैनल डिस्कशन एवं तकनीकी सत्र

कार्यशाला के इन सत्रों में मंत्री, अपर मुख्य सचिव, विषय-विशेषज्ञ एवं विभाग के प्रमुख अधिकारियों की सहभागिता से उच्च स्तरीय पैनल डिस्कशन होगा. प्रत्येक दिन तकनीकी सत्रों में केस स्टडी, समूह गतिविधियां, फील्ड आधारित उदाहरण, अनुभव-साझा सत्र द्वारा प्रतिभागियों को व्यावहारिक सीख प्रदान की जाएगी.

2000 जनप्रतिनिधि-अधिकारी होंगे शामिल

तीन दिन तक चलने वाली राज्य स्तरीय कार्यशाला में 2000 से अधिक जनप्रतिनिधि व अधिकारी शामिल होंगे

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