संम्पादकीय
भारत को डराने के लिए ट्रंप ने अब पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण का शगुफा छोड़ा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को चेताते हुए कहा कि पाकिस्तान गुपचुप तरीके से भूमिगत परमाणु परीक्षण कर रहा है। इसलिए पाकिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। ऐसे ही परीक्षण चीन, रूस और उत्तर कोरिया भी कर रहे हैं। रूस और चीन के साथ पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण का उल्लेख कर ट्रंप ने भारत को डराने का काम किया है। असल में डोनाल्ड ट्रंप की लाख कोशिश के बाद भी भारत अभी तक अमेरिका के दबाव में नहीं आया है। भारत को दबाव में लाने के लिए अमेरिका ने सबसे पहले बांग्लादेश में भारत समर्थित शेख हसीना की सरकार का तख्ता पलट करवाया। तख्ता पलट के साथ ही बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने हिंदुओं पर अत्याचार किए। ट्रंप को उम्मीद थी कि इस तख्तापलट से भारत सरेंडर करेगा, लेकिन इसके उलट भारत ने बांग्लादेश की अदपस्त प्रधानमंत्री शेख हसीना को शरण दे दी।
आज भी शेख हसीना और उनके परिवार के सदस्य भारत में सुरक्षित तरीके से रह रहे हैं। इसके बाद ट्रंप ने भारत के मुकाबले पाकिस्तान को तरजीह दी। यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर को व्हाइट हाउस में दावत भी दी। ट्रंप ने यह दिखाने का प्रयास किया कि अमेरिका के लिए पाकिस्तान पहले है। भारत जब इस दोस्ती से भी नहीं डरा तो ट्रंप ने अमेरिका में आने वाले भारतीय उत्पादों पर पचास प्रतिशत टैरिफ लगा दिया। जब भारत ने ट्रेरिफ वार का भी मुकाबला कर लिया तो अब ट्रंप ने पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण का शगुफा छोड़ दिया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो पहले ही कह चुके है कि हमारे परमाणु बम दीपावली पर पटाखे छोड़ने के लिए नहीं है।
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान में सौ किलोमीटर अंदर घुसकर हमले किए। भारत ने पाकिस्तान के सैन्य अड्डों को भी ध्वस्त कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर में सैन्य कार्यवाही के दौरान भी भारत को पता था कि पाकिस्तान परमाणु संपन्न राष्ट्र है। लेकिन इसकी परवाह किए बगैर भारत ने पाकिस्तान पर सैन्य कार्यवाही की। पाकिस्तान कितने भी परमाणु परीक्षण कर ले, लेकिन भारत का मुकाबला नहीं कर सकता। डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान की जितनी मदद करेंगे, उतना अमेरिका को नुकसान होगा। ट्रंप को यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री है। पहले भी पाकिस्तान के आतंकियों ने ही अमेरिका पर 26/11 का हमला किया। हमले का मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में ही छिपा रहा। पाकिस्तान की मदद कर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के पैरों पर ही कुल्हाड़ी मार रहे हैं।
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