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भविष्य का पथप्रदर्शक INS इक्षक आज नौसेना में होगा शामिल !The torchbearer of the future, INS Ikshak, will be inducted into the Navy today!

 एर्नाकुलम: INS इक्षक भारतीय नौसेना का हिस्सा बनने की तैयारी कर रहा है. इस जहाज को आज (गुरुवार) कोच्चि नौसेना अड्डे पर आयोजित एक समारोह में औपचारिक रूप से सैन्य सेवा में शामिल किया जाएगा. इसकी अध्यक्षता नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी करेंगे. INS इक्षक तीसरा बड़ा, स्वदेश निर्मित सर्वेक्षण पोत है.

'इक्षक' नाम का अर्थ है 'मार्गदर्शक'. जहाज के कैप्टन और कमांडिंग ऑफिसर त्रिभुवन सिंह ने कहा कि अपने नाम के अनुरूप, INS इक्षक सभी नाविकों के लिए एक मार्गदर्शक है.


उन्होंने कहा कि जहाज का संदेश निडरता, साहस और मार्गदर्शन है. देश का यह सबसे बड़ा सर्वेक्षण पोत भारतीय नौसेना के प्रगति इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय लिखने के लिए तैयार है. INS इक्षक विशाल समुद्री क्षेत्रों का मानचित्रण करने, नाविकों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने और भारत की समुद्री शक्ति को बढ़ाने के लिए समर्पित होगा.इसका प्राथमिक मिशन जल सर्वेक्षण है, इक्षक मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) प्लेटफॉर्म और आपात स्थितियों में अस्पताल जहाज के रूप में भी काम करने में सक्षम है. प्राकृतिक आपदाओं, युद्धकाल और जहाज़ दुर्घटनाओं की स्थिति में, इक्षक की दक्षता नौसेना के अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाएगी

आईएनएस इक्शाक की मुख्य विशेषताएं:

संचालन नियंत्रण: रक्षा प्रवक्ता अतुल पिल्लई ने ईटीवी भारत को बताया कि आईएनएस इक्शाक देहरादून स्थित राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण कार्यालय के अधीन काम करेगा.

उद्देश्य: यह भारतीय नौसेना का एक जल सर्वेक्षण सर्वेक्षण पोत है.

आवास: 'इक्षक' नौसेना का पहला बड़ा सर्वेक्षण पोत है, जिसमें भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों के लिए समर्पित आवास सुविधाएं हैं. अतुल पिल्लई ने बताया कि भविष्य के सभी नौसैनिक पोत इसी मॉडल का अनुसरण करेंगे.

उन्नत प्रणालियां: इस पोत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित सबसे आधुनिक सर्वेक्षण और नेविगेशन प्रणालियां हैं, जो गहरे समुद्र और तटीय क्षेत्रों का सटीक मानचित्रण करने और समुद्री मानचित्रों की सटीकता सुनिश्चित करने में सक्षम बनाती हैं. यह हिमखंडों सहित पानी के नीचे की बाधाओं की पहचान करके जहाजों के लिए सुरक्षित मार्ग बनाने में मदद करता है.

दोहरी भूमिका - अस्पताल जहाज: हालांकि यह मुख्य रूप से समुद्री अध्ययन (गहराई का निर्धारण, नेविगेशन मानचित्र बनाना और समुद्र तल में परिवर्तनों का अध्ययन) पर केंद्रित एक सर्वेक्षण जहाज है, फिर भी यह अपनी द्वितीयक भूमिका में एक अस्पताल के रूप में भी कार्य करता है.

चिकित्सा सुविधाएं: जहाज पर स्थित चिकित्सा सुविधा को आमतौर पर 'सिक बे' कहा जाता है. वर्तमान में इसमें 6 बिस्तरों वाला एक अस्पताल है, जिसमें एक ऑपरेशन थियेटर, ब्लड बैंक, अल्ट्रासाउंड स्कैन और अन्य सभी उपचार सुविधाएं शामिल हैं. यदि आवश्यक हो, तो अस्पताल की क्षमता को 40 बिस्तरों तक बढ़ाया जा सकता है. प्रधान चिकित्सा अधिकारी अतुल एन. गोपीनाथ ने पुष्टि की है कि यह जहाज पर प्राथमिक उपचार से लेकर शल्य चिकित्सा तक की सेवाएँ प्रदान कर सकता है.

इक्षक का निर्माण:

निर्माता: इस पोत का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा युद्धपोत डिज़ाइन ब्यूरो और युद्धपोत निरीक्षण दल की देखरेख में किया गया था.

स्वदेशी सामग्री: निर्माण में प्रयुक्त 80 प्रतिशत से अधिक घटक स्वदेशी हैं, जो जीआरएसई और भारतीय एमएसएमई क्षेत्र के बीच सहयोग का परिणाम है.

इंजन: आईएनएस इक्षक एक दोहरे इंजन वाला पोत है.

विनिर्देश:

लंबाई: 110 मीटर

चौड़ाई: 16 मीटर

विस्थापन/वहन क्षमता: 3400 टन

चालक दल: 231 कर्मी (20 अधिकारी और 211 नाविक)

गति: 16 से अधिकतम 18 समुद्री मील तक की परिभ्रमण गति.

प्रणोदन: फिक्स्ड-पिच प्रोपेलर और स्टर्न थ्रस्टर्स के साथ दोहरे MAN डीजल इंजन.

उड्डयन: आपातकालीन हेलीकॉप्टर रखने की सुविधाए.

महत्व: आईएनएस इक्षक सर्वेक्षण पोत (बड़े) वर्ग का तीसरा जहाज है और अपनी श्रेणी का पहला जहाज है, जिसका मुख्यालय दक्षिणी नौसेना कमान में स्थित है.

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