दिल्ली। हमारे घरों में एक आम आदत है- खाना खत्म होते ही फल खा लेना। कभी कोई कहता है "आम ले आओ", कोई कहता है "चलो संतरे खा लेते हैं"। हमें लगता है कि फल तो हेल्दी होते हैं, इसलिए इन्हें कभी भी खाया जा सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही आदत आपके पाचन तंत्र को सबसे ज्यादा भ्रमित करती है?
फल जल्दी पचते हैं, बाकी खाना धीरे
फलों में नेचुरल शुगर और फाइबर मौजूद होता है, जो बेहद जल्दी पच जाता है। वहीं पकाया हुआ खाना- चावल, रोटी, दाल, सब्जियों को टूटने और पचने में ज्यादा समय लगता है। जब आप भारी भोजन के तुरंत बाद फल खा लेते हैं, तो फल पेट में ऊपर ही रुक जाते हैं और उनके पचने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है।
पेट में शुरू हो जाता है फर्मेंटेशन
भारी भोजन के नीचे फंसे हुए फल फर्मेंट होने लगते हैं यानी उनमें गैस बनने लगती है।
इसका नतीजा होता है:
पेट फूलना
भारीपन
गैस
इनडाइजेशन
बार-बार डकार या फार्टिंग
आयुर्वेद में इसे ‘विरुद्ध आहार’ माना गया है
आयुर्वेद के अनुसार फल और कुक्ड मील्स का यह कॉम्बिनेशन Microbial Fermentation को बढ़ाता है, जिससे पित्त, वात और कफ तीनों पर ही नकारात्मक असर पड़ सकता है।
कब खाने चाहिए फल... कौन-सा है सही समय?
सुबह खाली पेट
फल सुबह खाली पेट खाने पर:
तुरंत ऊर्जा देते हैं
शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं
डाइजेशन हल्का और आसान रहता है
दो मील्स के बीच
अगर सुबह का नाश्ता भारी हो, तो दोपहर के भोजन से 2–3 घंटे बाद फल खाना सबसे सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है। इस समय पेट हल्का होता है और फल आसानी से पच जाते हैं।
11 बजे से पहले फल खाना सबसे सही
सुबह 8–11 बजे के बीच शरीर प्राकृतिक रूप से क्लींजिंग मोड में होता है। फल इस प्रक्रिया को सपोर्ट करते हैं और शरीर को दिनभर एनर्जी देते हैं।
‘क्या’और ‘कब’ भी रखता है मायने
हम अक्सर ध्यान देते हैं कि हम क्या खा रहे हैं, लेकिन समय भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सही भोजन अगर गलत समय पर खाया जाए, तो वही भोजन शरीर पर बोझ बन सकता है।
फल स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं, लेकिन गलत समय पर खाए गए फल ही- गैस, अपच, पेट फूलना, भारीपन जैसी समस्याओं का कारण बन जाते हैं।
अगर आप चाहते हैं कि फल सच में शरीर को पोषण दें, तो उन्हें अपने मुख्य भोजन से अलग रखें। भोजन के तुरंत बाद नहीं, बल्कि सुबह खाली पेट या दो भोजन के बीच फल खाने की आदत आपके पाचन को मजबूत बनाएगी और आपकी गट हेल्थ को बेहतर करेगी।

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