नई दिल्ली। हवाई यात्रा करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अक्सर फ्लाइट के उड़ान भरने से कुछ घंटे पहले टिकट रद्द करने पर पूरी रकम चली जाती है और यात्री को कोई रिफंड नहीं मिलता। मौजूदा नियमों के तहत डिपार्चर से तीन घंटे के भीतर टिकट कैंसिल करने पर इसे ‘नो-शो’ माना जाता है और एयरलाइंस कोई राशि वापस नहीं करतीं। लेकिन आने वाले 2–3 महीनों में यात्रियों को इस परेशानी से बड़ी राहत मिल सकती है। सरकार एक नया नियम लाने की तैयारी में है, जिसके तहत टिकट में इनबिल्ट ट्रैवल इंश्योरेंस शामिल किया जा सकता है। यह सुविधा लागू होने पर आखिरी समय में इमरजेंसी कैंसिलेशन की स्थिति में यात्रियों को टिकट राशि का 80 प्रतिशत तक रिफंड मिल सकेगा।
यह नया प्लान यात्रियों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है। अभी तक एयरलाइंस मेडिकल इमरजेंसी साबित होने पर ही रिफंड देने पर विचार करती हैं, वह भी पूरी तरह उनकी इच्छा पर निर्भर होता है। लेकिन इनबिल्ट इंश्योरेंस की व्यवस्था लागू होने पर यात्रा रद्द करने का जोखिम काफी हद तक कम हो जाएगा। यात्रियों को अलग से कोई प्रीमियम भी नहीं देना होगा, क्योंकि एयरलाइंस इंश्योरेंस कंपनियों के साथ अपने समझौतों के तहत इस खर्च को वहन करेंगी। वर्तमान में यह इंश्योरेंस एक ऐड-ऑन सुविधा के रूप में उपलब्ध है, जिसे यात्री चाहें तो खरीदते हैं, लेकिन भविष्य में यह सीधे टिकट में शामिल हो सकता है।
ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसीज (OTA) जो पहले से इस तरह के लास्ट-मिनट कैंसिलेशन रिफंड ऑफर करती हैं, वे बताते हैं कि इंश्योरेंस कंपनियां पुराना डेटा देखकर रेश्यो तय करती हैं। यदि आकस्मिक कैंसिलेशन का प्रतिशत कम होता है, तो कंपनियों के लिए जोखिम भी कम होता है और उसी के आधार पर प्रीमियम तय किया जाता है। नए नियम आने पर यह प्रक्रिया और भी व्यवस्थित और यात्रियों के पक्ष में हो जाएगी।
रिफंड नियमों में बदलाव की दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) मौजूदा रिफंड पॉलिसी को पैसेंजर-फ्रेंडली बनाने के लिए संशोधन की प्रक्रिया में है। यात्रियों की लगातार बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सरकार का रुख स्पष्ट है कि एयरलाइंस के व्यावसायिक संचालन में दखल दिए बिना उपभोक्ता हितों की सुरक्षा के लिए कुछ न्यूनतम मानक तय किए जाएंगे।
यात्रियों के लिए यह प्रस्तावित बदलाव किसी राहत से कम नहीं होगा। फ्लाइट टिकट पर होने वाले भारी नुकसान, खासकर अचानक यात्रा रद्द करने की परिस्थितियों में, अब काफी हद तक कवर हो सकेंगे। आने वाले दिनों में यह नियम लागू हो जाता है, तो हवाई यात्रा पहले से अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और तनाव-मुक्त हो जाएगी।

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