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जहरीली हवा की मार के बाद अब राख के गुबार का खतरा! दिल्ली में सरकारी, प्राइवेट ऑफिस के 50% कर्मचारी करेंगे वर्क फ्रॉम होमAfter the toxic air, now the threat of ash clouds! 50% of government and private office employees in Delhi will work from home.

दिल्ली-एनसीआर के लोगों को जहरीली हवा के साथ ही एक नई परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इथियोपिया के हायली गुब्बी ज्वालामुखी से राख का एक बड़ा गुबार उत्तरी भारत की ओर बढ़ने लगा है। यह ज्वालामुखी लगभग 10,000 सालों में पहली बार फटा है। माना जा रहा है कि ज्वालामुखी विस्फोट के बाद राख का यह गुबार दिल्ली-एनसीआर में भी पहुंचेगा। दूसरी तरफ, राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली सरकार के सभी कार्यालय और निजी प्रतिष्ठान 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करेंगे। बाकी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे।


50% कर्मचारी करेंगे वर्क फ्रॉम होम

वायु प्रदूषण बढ़ने के मद्देनजर चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के तीसरे चरण के अनुसार दिल्ली सरकार के सभी कार्यालय और निजी प्रतिष्ठान 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करेंगे और बाकी कर्मचारी घर से काम करेंगे। सोमवार को जारी एक आदेश से यह जानकारी मिली।

यह निर्देश पर्यावरण विभाग द्वारा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा पांच के अंतर्गत राष्ट्रीय राजधानी में संचालित सभी दिल्ली सरकार के कार्यालयों और निजी प्रतिष्ठानों को जारी किया गया। सभी प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष नियमित रूप से कार्यालय आएंगे, और 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी कार्यालय में प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं होंगे। शेष कर्मचारी घर से काम करेंगे।

दिल्ली में संचालित सभी प्राइवेट ऑफिसेज 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ ऑपरेट होंगे। शेष कर्मचारियों को 'अनिवार्य रूप से' घर से काम करना होगा।

दिल्ली-NCR तक पहुंचेगी ज्वालामुखी की राख

वेदर एक्सपर्ट्स का कहना है कि इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी से निकली ज्वालामुखी की राख का एक घना बादल सोमवार रात को उत्तर-पश्चिम भारत पहुंचने की उम्मीद है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि भारतीय एयरस्पेस के कुछ हिस्सों में एयरक्राफ्ट ऑपरेशन पर इसका असर दिखने लगा है। इसकी वजह है कि राख उस इलाके की ओर बढ़ रही है। रात में और दिक्कतें आ सकती हैं।

क्या कह रहा मौसम विभाग?

अगले कुछ घंटों में राख का गुबार गुजरात में घुसने के बाद राजस्थान, दिल्ली-NCR और पंजाब की ओर बढ़ सकता है। इंडिया मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) के अनुसार, ये धुएं धरती की सतह से 10-15 किलोमीटर ऊपर उठ रहे हैं। इनमें ज्वालामुखी की राख, सल्फर डाइऑक्साइड और बारीक चट्टान के कण हैं। मौसम विभाग ने आगे कहा कि इस घटना से मुख्य रूप से फ्लाइट ऑपरेशन पर असर पड़ेगा। मौसम विभाग के अनुसार धुएं के गुबार ऊपरी स्तर पर है। इसलिए, लोगों को सतह के पास इसका कोई खास असर नहीं दिखेगा।

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