राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए रामलला के दर्शन 24 नवंबर को शाम से ही बंद कर दिए जाएंगे. इसके बाद 26 नवंबर से पुनः अपने निर्धारित समय सुबह 7:00 से दर्शन प्रारंभ होगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने यह जानकारी दी है. बताया कि प्राण प्रतिष्ठा में सम्पूर्ण देश से लोगों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन ध्वज आरोहण में पूर्वी उत्तर प्रदेश को वरीयता दी गई है. मंदिर परिसर में अधिक निर्माण हुआ है, इसलिए बैठने का स्थान कम हो गया है. उसी कारण आमंत्रितों की संख्या सीमित रखी गई है. ध्वजारोहण के दिन प्रातः आठ बजे प्रवेश प्रारम्भ होकर नौ बजे बंद हो जाएगा.
महासचिव चंपतराय ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद होंगे. दोपहर दो बजे तक कार्यक्रम पूर्ण कर लिया जाएगा, इसके बाद आमंत्रित अतिथिगणों को पंक्तिबद्ध दर्शन कराया जाएगा, जिसमें तीन घंटे तक लग सकते हैं. ध्वज का आकार त्रिकोणीय है और इसे 190 फिट की ऊंचाई पर चढ़ाया जाना है. प्रधानमंत्री और सरसंघचालक इसका आरोहण करेंगे.
विवाह पंचमी के दिन 25 नवंबर को ध्वजारोहण के लिए आमंत्रित अतिथियों को ठहराने के ट्रस्ट की ओर से 1600 कमरों की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा व्यवस्था संभालने में लगने वाले कार्यकर्ताओं को एक दिन पहले 24 नवम्बर को बुलाया गया है. कारसेवकपुरम, रामसेवकपुरम और तीर्थ क्षेत्र पुरम में भी आवासीय व्यवस्था की गई है.
शाम चार बजे के बाद निकालेगी राम बारात : विवाह पंचमी पर रामनगरी अयोध्या में भगवान राम और माता जानकी का विवाह उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस वर्ष भी भव्य आयोजन के साथ मनाए जाने की तैयारी है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि इस दिन राम विवाह उत्सव का आयोजन है. जिसके तहत लगभग 15 मंदिरों से राम बारात भी निकाली जाती है. इस कार्यक्रम को देखते हुए आयोजकों से शाम 4:00 के बाद ही बारात निकाले जाने का निवेदन किया गया है.

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