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अफगान तालिबान से बातचीत नाकाम होते ही पाकिस्तानी सेना पर बरपा कहर, TTP ने किया बड़ा हमला, कैप्टन समेत 7 जवानों की मौत As talks with the Afghan Taliban failed, the Pakistani army was hit hard by the TTP, which launched a major attack, killing seven soldiers, including a captain.


पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने पाकिस्तानी सेना पर बड़ा हमला किया है। घात लगाकर किए गए इस हमले में पाकिस्तानी सेना एक कैप्टन रैंक के अधिकारी समेत 7 जवान मारे गए हैं। मारे गए अधिकारी की पहचान कैप्टन नोमान के रूप में हुई है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग ISPR ने बताया कि चरमपंथियों ने सुरक्षा बलों के काफिले को आईईडी विस्फोट के जरिए निशाना बनाया। इस हमले में कम से कम 17 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। यह हमला इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच बातचीत के नाकाम होने के बाद हुआ है।



टीटीपी ने सेना के काफिले पर उस समय गोलीबारी की जब वह अफगानिस्तान की सीमा से लगे कुर्रम कबायली इलाके से गुजर रहा था। मुठभेड़ के दौरान डोगर के पास एक आईईडी में विस्फोट हो गया। आईएसपीआर ने बताया कि सेना की तरफ से भी जवाबी गोलीबारी की गई जिसमें 7 आतंकवादी मारे गए। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

टीटीपी के खूंखार कमांडर का कारनामा

रिपोर्टों में कहा गया है कि संभवतः इस हमले को टीटीपी के कुर्रम जिला कमांडर अहमद काजिम ने अंजाम दिया है। टीटीपी फील्ड मार्शल के नाम से मशहूर काजिम पर 10 करोड़ रुपये का इनाम घोषित है। उस पर कम से कम 100 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों की हत्या का आरोप है। यह हमला पिछले सप्ताह खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी सेना के अभियान में 8 टीटीपी आतंकवादियों के मारे जाने और 5 अन्य के घायल होने के बाद हुआ है।

पाकिस्तान में टीटीपी के हमले तेज

अफगान तालिबान के साथ पाकिस्तानी सेना के संघर्ष और तनाव के बीच अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तानी इलाकों में हाल के दिनों में चरमपंथी हिंसा में वृद्धि देखी गई है। पिछले सप्ताह प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा में इस साल अब तक आतंकवाद के कारण 298 लोग मारे गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 अक्टूबर तक विभिन्न आतंकवादी घटनाओं में 117 पुलिसकर्मी और 181 नागरिक मारे गए। वहीं, 486 लोग आतंकवादी हिंसा में घायल हुए हैं। कबायली इलाकों में मजबूती से पैठ बनाने वाले टीटीपी को इन हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।

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