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ट्रंप ने शी जिनपिंग से मांगी मदद, कहा- पुतिन पर लगाम लगाने में चीन हमारा साथ दे ।Trump asked Xi Jinping for help, saying, "China should support us in controlling Putin


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे एशिया दौरे पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से रूस और यूक्रेन युद्ध पर बातचीत करेंगे. ट्रंप का कहना है कि वे चाहते हैं कि चीन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रोकने में अमेरिका की मदद करे.



एयर फोर्स वन पर रवाना होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि हमने रूस पर बहुत बड़े प्रतिबंध लगाए हैं. बेहद सख्त और बेहद मजबूत प्रतिबंध. मुझे लगता है कि इनका असर बहुत गहरा होगा.

चीन के शी जिनपिंग से मांगी मदद

उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि चीन रूस के मुद्दे पर हमारी मदद करे. हमने रूस पर कड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अगर चीन साथ दे, तो हालात बेहतर हो सकते हैं. ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब रूस-यूक्रेन युद्ध को दो साल से अधिक हो चुके हैं और पश्चिमी देशों की पाबंदियों के बावजूद रूस अपनी सैन्य कार्रवाइयाँ जारी रखे हुए है.

एशिया दौरे पर ट्रंप, कई अहम मुलाकातें तय

डोनाल्ड ट्रंप इस हफ्ते एक बड़े एशियाई दौरे पर निकले हैं. वे मलेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा करेंगे और इस दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात तय है. माना जा रहा है कि ट्रंप इस मुलाकात में न सिर्फ रूस-यूक्रेन युद्ध पर बल्कि अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव पर भी चर्चा कर सकते हैं. ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि अगर चीन सहयोग करता है, तो यूक्रेन में शांति बहाली के लिए नए रास्ते खुल सकते हैं.

ट्रंप का पहला ठहराव मलेशिया में ASEAN समिट में होगा. इसके बाद वे साउथ कोरिया के शहर बुसान पहुंचेंगे, जहां APEC सम्मेलन होगा. यहां वे साउथ कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्योंग से भी मुलाकात करेंगे. ट्रंप का यह दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है. जहां एक ओर वे एशियाई देशों के साथ रिश्ते मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वे चीन को रूस के खिलाफ कूटनीतिक साझेदारी में लाने की कोशिश कर रहे हैं.

पुतिन के दूत का बड़ा बयान

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष दूत किरिल दिमित्रिव ने कहा कि मॉस्को, वाशिंगटन और कीव यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए एक राजनयिक समझौते पर पहुंचने के काफी करीब हैं. दिमित्रिव की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब मॉस्को के तेल क्षेत्र पर नए अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ गया है.

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