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उद्योगपति नहीं शराब माफिया है सूरज रजक...नौकरशाओं और नेताओं की आड़ में करता रहा व्यापार ?Suraj Rajak is not an industrialist but a liquor mafia...did he keep doing business under the protection of bureaucrats and politicians?


अवैध रूप से शराब खपाकर युवा उद्योगपति और समाज सेवक का चोला ओड़ शराब माफिया बन बैठे आदतन अपराधी सुरज रजक के काले कारनामों पर काले बादल छाने लगे हैं। शराब माफिया पर केस दर्ज होने की तलवार लटकती नजर आ रही है। इसका बात का पता कल आलीराजपुर के दो अलग-अलग थाना क्षेत्र में पकड़ाई अवैध शराब और दर्ज हुए मामलों से हुआ है। एक मामले में तो शराब माफिया सूरज रजक की वाइन शॉप के सेल्समैन तक को पुलिस ने आरोपी बनाया है। जांच में जल्द सूरज पर भी केस दर्ज होने की बात सामने आ रही है। वहीं दूसरे मामले में भी सुरज पर केस की तलवार लटकी हुई है।



जानकारी के मुताबिक कल बखतगढ़ टीआई को मुखचिर से सूचना मिली थी कि ग्राम छकना की माल छोटी कंजीपानी फलिया में एक निर्माणाधीन मकान के बाथरूम में अवैध शराब रखी हुई है। इस पर टीआई संतोष सिसोदिया ने टीम के साथ गुजरात चॉर्डर स्थित निर्माणाधीन उक्त मकान में दबिश दी तो बाथरूम में से 98 पेटी अवैध बियर मिली। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि उक्त शराब ठेकेदार सूरज रजक की 'छकतला' शराब दुकान से लाकर गुजरात सप्लाई करने के लिए रखी गई थी। मामले में छकतला शराब दुकान के सेल्समैन महेश उर्फ मोहन पिता रतनसिंह डोडवा (29) निवासी बड़ी हथयी कामत फलिया जिला आलीराजपुर को भी मामले में आरोपों बनाया है। सपनाई


आईपीएस रघुवंश कुमार सिंह ने बताया छकतला शराब दुकान से निकली अबैध शराब निर्माणाधीन मकान से मिली है। मामले में जांच चल रही है। ठेकेतार सूरज रजक की भूमिका पाई गई तो उसे भी आरोपी बनाया जाएगा।


उदयगढ़ में पकड़ाए अवैध शराब में भी उछला नाम


इधर, आलीराजपुर की उद्‌यगढ़ पुलिस ने भी 23 अक्टूबर की रात । वजे गश्त के दौरान भावरा-उदद्यगढ़ रोड पर असोती फाटा के पास एक पिकअप वाहन (एमपी 43 जी 2611) को रोककर तलाशी ली तो उसमें वियर की 160 पेटियां मिलीं, जिसकी कीमत 3.84 लाख रुपए आंकी गई। वाहन में सवार राजू (23) पिता हायु सापलिया और एक बाल अपचारी दोनों निवासी ग्राम कुहा सापलिया फालिया वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए। इस पर दोनों को गिरफ्तार कर धारा 34(2). 46 आबकारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। उदयगढ़ टीआई ब्रजभूषण हिरवे के मुताबिक उक्त तस्कर राणापुर झाबुआ बेल्ट से यह शराब लेकर झाबुआ निकले थे। संभवतः इस मामले में भी शराब माफिया सूरज रजक की भूमिका सामने आ सकती है। इथर, आईपीएस एसपी रघुवंश सिंह का कहना है कि जल्द ही अवैध शराब माफियाओं और तस्करों को पकड़कर उनका खुलासा किया

के अधिक दाम वसूलने और ग्राहकों को लूटने वाला शराब माफिया सूरज रजक खुलासा फर्स्ट में उपी खबर से घटनों पर आ गया और उसने अपनी भमौरी स्थित दुकान पर ओवररेटिंग बंद कर दी। कल उसने शराब की बोतल मूल कीमत पर ही ग्राहकों को बेची। सवाल ये है कि दुकान आवंटित होने के बाद से अब तक उसने जो रोजाना लाखों रुपए की अवैध कमाई की, उसका क्या? उसने इस आड़ में विधायक के संरक्षण में शासन को जी करोड़ों रुपए का चूना लगाया, उसका हिसाब-किताब उससे कब व कैसे लिया जाएगा?


उल्लेखनीय है सूरज की भमौरी स्थित दुकान पर 180 एमएल का देसी मदिरा का क्वार्टर, जिसकी मूल कीमत 75 रुपए है, उसके कर्मचारी खुलेआम १० रुपए में च बेच रहे हैं। इसी तरह १० एमएल की बोतल, जिसे सहराधियों की भाषा में 'बच्चा' कहा जाता है, की मूल कीमत 38 रुपए है, लेकिन ग्राहकों से 50 रुपए वसूले जा रहे हैं। यहां सुरज रजक ने अवैध रूप से आहता भी चला रखा है. जहां लोग शराब खरीदकर सामने ही पीने लगते हैं। इससे न केवल ट्रैफिक जाम होता है, बल्कि सड़क से परिवारों का निकलना मुश्किल ही गया है। खुलासा फर्स्ट ने इसका स्टिंग करते हुए सूरज के काले कारनामों का खुलासा किया था। बहरहाल, कल खुलासा फस्र्ट द्वारा सूरज रजक की भमौरी स्थित शराब दुकान में तय कीमत से ज्यादा वसूली की खबर साप्रमाण प्रकाशित करने के बाद न केवल सूरज रजक घुटनों पर आ गया, वल्कि आबकारी विभाग भी हरकत में आया और तय किया कि शराब अब तय कीमत पर ही बिकेगी।

अब ओवररेटिंग पर लगाम लगाने की तैयारी

आबकारी विभाग के सूत्रों ने बताया की विभाग में हड़कंप की स्थिति है। अब विभाग पूरे जिले की सभी 173 कंपोजिट शराब दुकानों पर ओवररेटिंग, यानी शराब की तय कीमत से ज्यादा वसूली पर लगाम लगाने की तैयारी में है। सभी ठेकेदारों से कहा जा रहा है कि वे ओवररेटिंग बंद कर दें। शराब बोतल पर छपी मूल कीमत पर ही बेचे। सूरज रजक के मामले में मुंह की खा चुके आबकारी अधिकारियों की समझ में भी आ गया है कि उनकी लूटमार अब नहीं चलेगी। जो अवैध वसूली हुई उसका क्या सुरज रजक समेत जिलेभर के कई शराच ठेकेदारों ने दुकानें आवंटित होने के बाद से ओवरेटिंग कर जो लाखों रुपए रोज वसूले उसका हिसाब-किताब कोन देगा? मामले में विभाग और प्रशासन को तत्काल एक्शन लेकर रजक समेत अन्य ठेकेदारों द्वारा ओवरटेंटिंग से कमाई रकम की वसूली कर शास्वन के खजाने में जमा कराना चाहिए। अनुमान के अनुसार जिलेभर में प्रतिदिन 8 से 10 हजार सफेद देसी मदिरा की पेटी की बिक्री होती है। एक पेटी में 50 क्वार्टर रहते हैं। इस हिसाब से एक क्वार्टर पर 15 रुपए अतिरिक्त लिए गए तो प्रतिदिन 75 लाख रुपए की अवैध कमाई रजक और अन्य ठेकेदारों ने की है। जिस तरह सूरज जैसों को विधायक का संरक्षण है, जन्य ठेकेदारों ने भी अपने राजनीतिक आका की शरण ले रखी है। इनकी जांच होनी चाहिए।

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