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RSS पर बैन लगाने को लेकर MP में सियासी तूफान, कांग्रेस बोली- सरदार पटेल ने भी लगाया था बैन MP slams RSS ban; Congress claims Sardar Patel also imposed ban

भोपाल: कर्नाटक सरकार द्वारा सरकारी परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों पर रोक लगाने के फैसले ने अब मध्य प्रदेश की सियासत को भी गरमा दिया है। कांग्रेस ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि “जब महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, तब भी सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगाया था।” वहीं, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि “संघ अब राष्ट्रव्यापी संगठन है, उस पर किसी भी तरह का बैन असंभव है।”



कांग्रेस का समर्थन — “RSS से प्रभावित हो जाते हैं सरकारी कर्मचारी”कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि “जब महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, तब सरदार वल्लभभाई पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगाया था। कर्नाटक में भी आज वैसी ही परिस्थितियां हैं। इसलिए वहां की सरकार ने सही निर्णय लिया है।” पीसी शर्मा ने आगे कहा कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी RSS की शाखाओं में जाता है, तो वह “विचारधारा से प्रभावित” हो जाता है और यह प्रशासनिक निष्पक्षता के खिलाफ है।

बीजेपी का पलटवार “संघ राष्ट्रव्यापी संगठन है, रोकना असंभव”इस बयान पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “इंदिरा गांधी ने भी इमरजेंसी लगाकर देख लिया था। संघ अब एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक संगठन बन चुका है। उस पर किसी भी प्रकार से बैन नहीं लगाया जा सकता। कांग्रेस प्रयोग करके देख ले, असफलता ही हाथ लगेगी।”

कर्नाटक सरकार का निर्णयकर्नाटक सरकार ने हाल ही में सरकारी स्कूल और कॉलेज परिसरों में RSS की शाखाओं और गतिविधियों पर रोक लगाने का नियम लाने की घोषणा की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और मंत्री प्रियंक खरगे ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी थी। प्रियंक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से आग्रह किया था कि वह सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को RSS या अन्य वैचारिक संगठनों की गतिविधियों में शामिल होने से रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करें।

सियासी बहस तेजकर्नाटक के फैसले के बाद अब मध्य प्रदेश में भी राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। जहां कांग्रेस RSS पर विचारधारात्मक प्रभाव का आरोप लगा रही है, वहीं बीजेपी इसे “संघ विरोधी मानसिकता” करार दे रही है।

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