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राष्ट्रपति मुर्मू राफेल में भरेंगी उड़ान !President Murmu to fly in Rafale!

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान में विशेष उड़ान भरेंगी। राफेल अपनी उन्नत तकनीक, शानदार गति और सटीक मारक क्षमता के लिए प्रसिद्ध है।



राष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार, इस उड़ान के दौरान राष्ट्रपति वायुसेना के अधिकारियों से विमानों की तकनीकी क्षमताओं और प्रशिक्षण प्रक्रियाओं की जानकारी भी हासिल करेंगी। इस ऐतिहासिक अवसर पर रक्षा मंत्रालय और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किए ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में देश की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति की यह उड़ान सामरिक संकेत की दृष्टि से बेहद खास मानी जा रही। राष्ट्रपति का यह कदम भारतीय वायुसेना के प्रति सम्मान और देश की रक्षा क्षमताओं में उनके विश्वास का प्रतीक माना जा रहा है। 

राष्ट्रपति मुर्मू ने इससे पहले 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। वह 30 मिनट विमान में रही थीं। मुर्मू ने मार्च 2023 में नौसेना के स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत का दौरा भी किया था।

पूर्व की उड़ानें2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल सुखोई-30 में उड़ान भर कर ऐसा करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति बनी थीं। उनसे पहले 2006 में दिवंगत राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी पुणे में सुखोई-30 विमान में उड़ान भरी थी।क्यों भरते हैं उड़ानराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री या अन्य उच्च पदस्थ गणमान्य व्यक्ति जब वायुसेना के लड़ाकू विमानों में उड़ान भरते हैं तो यह सैन्य बलों के प्रति सम्मान और विश्वास का प्रतीक बनता है। इससे सैन्य बलों के अधिकारियों और जवानों का मनोबल बढ़ता है कि देश का नेतृत्व उनके साथ खड़ा है। कई बार विदेश निर्मित विमानों में उड़ान भरना उस देश के प्रति रणनीतिक साझेदारी और विश्वास का प्रतीक भी बनता है।फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन ने बनाया है राफेलफ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन से निर्मित राफेल को औपचारिक रूप से सितंबर 2020 में वायु सेना स्टेशन अंबाला में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। 27 जुलाई, 2020 को फ्रांस से आए पहले पांच राफेल विमानों को 17 स्क्वाड्रन, गोल्डन एरो में शामिल किया गया था। राफेल से पस्त हुआ था पाकिस्तानराफेल विमान हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए थे। इसे भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया था। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। यह कार्रवाई सात मई से 10 मई तक चली थी। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिविधियों को रोकने पर सहमति बनी। 

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