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बिहार की चुनावी बिसात में कांग्रेस खाली हाथ या भविष्य की तैयारी?Is Congress empty-handed in Bihar's electoral arena or preparing for the future?

 

बिहार चुनाव में कांग्रेस की सियासी रणनीति कैसी है. इसे लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं. राहुल गांधी ने बिहार में ही वोट अधिकार यात्रा निकाली थी. लेकिन उसके बाद कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं ने चुप्पी साध रखी है.



बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए संयुक्त साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी घटकों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में यह ऐलान हुआ कि महागठबंधन के तरफ से सीएम फेस तेजस्वी यादव और उपमुख्यमंत्री फेस मुकेश साहनी होंगे. वैसे भी तेजस्वी खुद को हर सभा, हर मंच पर खुद को सीएम के रूप में पेश कर रहे थे. पर कांग्रेस किसी न किसी बहाने उन्हें सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करने से अभी तक बच रही थी. गुरुवार को महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री पद का आधिकारिक चेहरा घोषित कर दिया. कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत खुद राबड़ी आवास जाकर तेजस्वी से मुलाकात की. इस बात पर सहमति बनी कि तेजस्वी ही चुनाव में सीएम फेस होंगे.आरजेडी को सीएम फेस, वीआईपी को डेप्युटी सीएम का फेस मिला है. वामदलों को भी सम्मानजनक सीटें दी गई हैं. पर ऐसा लगता है कि कांग्रेस तोलमोल में पीछे रह गई. इसलिए सवाल उठता है कि बिहार की सियासत में कांग्रेस को मिला क्या है? अभी भी कांग्रेस के कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर आरजेडी ने उम्मीदवार उतार दिया है.

कांग्रेस की चुप्पी और प्रेशर पॉलिटिक्स

हालांकि, कांग्रेस शुरुआत से ही तेजस्वी के सीएम फेस घोषित करने से बचती आ रही थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर राज्य प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और अध्यक्ष राजेश राम तक इस विषय पर चुप्पी साध रखे थे. हालांकि यह पार्टी की रणनीति भी रही हो ताकि आरजेडी पर अधिक से अधिक दबाव बनाया जा सके और अधिक से अधिक जिताऊ समीकरण वाले सीटें आरजेडी से लिया जाए. लेकिन इस बार के चुनाव में पार्टी को पिछली बार से भी कम सीटें मिली हैं. 

गठबंधन में अभी भी दरार

साझा प्रेस कांग्रेस में सीएम और डिप्टी सीएम की संयुक्त घोषणा के बाद एक तरह से ऐसा लगता है कि महागठबंधन में अब सब कुछ ठीक ठाक हो गया है पर दरार अभी भी बन हुआ है. महागठबंधन के घटक दलों के बीच कुल 11 सीटों पर आमने-सामने मुकाबला है. इनमें 10 सीटों पर कांग्रेस को महागठबंधन के सहयोगियों ने घेर रखा है. सबसे ज्यादा आरजेडी-कांग्रेस में पांच और भाकपा-कांग्रेस में चार सीटों पर मुकाबला है. एक सीट पर IIP से मुकाबला है. जमुई जिले के सिकंदरा में भी महागठबंधन के दो उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं. यहां आरजेडी के कैंडिडेट उदय नारायण चौधरी और कांग्रेस के विनोद चौधरी फ्रेंडली फाइट कर रहे हैं. यहां अलग-अलग दोस्ताना लड़ाई लड़ रहे आरजेडी और कांग्रेस के प्रत्याशी खुद को महागठबंधन का असली कैंडिडेट बताने के होड़ मे लगे हैं. 

इसी तरह का फ्रेंडली फाइट पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज सीट पर देखने को मिल रही है जहां कांग्रेस से शाश्वत केदार पाण्डेय है वही आरजेडी से दीपक यादव. यहां भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि महागठबंधन का ऑफिशियली उम्मीदवार कौन हैं? पर आरजेडी के दीपक यादव की तुलना में कांग्रेस के शाश्वत केदार मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं और उनका मुकाबला बीजेपी के संजय पांडे से है. यही स्थिति वैशाली में है जहां कांग्रेस के ई.संजीव आरजेडी के अभय कुशवाहा आमने-सामने है फ्रेंडली फाइट कर रहे हैं.

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