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IRCTC घोटाले में लालू, राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ चलेगा केस, कोर्ट के फैसले पर आया BJP का पहला रिएक्शन Case will be filed against Lalu, Rabri and Tejashwi in IRCTC scam, BJP's first reaction to the court's decision

 

IRCTC Scam Case: लालू यादव जब 2004 से 2009 के बीच UPA सरकार में रेलमंत्री थे, उस समय IRCTC के दो होटलों BNR रांची और BNR पुरी के रखरखाव के ठेके अवैध तरीके से दिए गए.



प्रदीप भंडारी ने X पर पोस्ट कर कहा, 'लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ अदालत ने भ्रष्टाचार, आपराधिक षडयंत्र और धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं! लालू यादव और तेजस्वी यादव ने बिहार में गरीबों की जमीन छीनकर परिवारिक ज़मीन बढ़ाई. बिहार के युवाओं को लालू यादव और तेजस्वी यादव के भयावह भ्रष्टाचारी इरादों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. बिहार की जनता कभी भी भ्रष्ट आरजेडी और कांग्रेस को नहीं चुनेगी.

कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने माना कि लालू यादव के रेलमंत्री रहते हुए उनकी जानकारी में ही इस घोटाले की साजिश रची गई. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आरोपी भी पूरी तरह साजिश में शामिल थे. लालू यादव के परिवार को इस मामले में फायदा पहुंचा और कॉन्ट्रैक्ट देने के बदले में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बहुत ही कम कीमत पर जमीन मिली. 

लालू फैमिली पर किन धाराओं में केस दर्ज?

इस मामले में कोर्ट ने लालू यादव फैमिली के खिलाफ IPC 420, IPC 120B, प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) के तहत आरोप लगाएग हैं. बता दें कि प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) सिर्फ लालू यादव पर लगी है क्योंकि उन्होंने सरकारी पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया है.

क्या था IRCTC घोटाला केस? 

लालू यादव जब 2004 से 2009 के बीच रेलमंत्री थे तो IRCTC के दो होटलों BNR रांची और BNR पुरी के रखरखाव के ठेके अवैध तरीके से दिए गए. आरोप है कि ये कॉन्ट्रैक्ट लालू से जुड़ी एक बेनामी कंपनी के जरिए हासिल की गई तीन एकड़ कीमती जमीन के बदले में दिए गए थे. 

कोर्ट ने पूछा- क्या आप अपराध मानते हैं?

कोर्ट ने लालू यादव से पूछा क्या आप अपना अपराध मानते हैं तो लालू यादव समेत राबड़ी और तेजस्वी ने अपना अपराध मनाने से इनकार कर दिया. लालू फैमिली ने अदालत में कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे. वहीं राबड़ी यादव ने कहा कि ये गलत केस है. 

लालू फैमिली को पहुंचा फायदा: कोर्ट

कोर्ट ने माना कि लालू यादव की जानकारी में इस घोटाले की साजिश रची गई. कोर्ट ने कहा इस मामले में आरोपी व्यापक साजिश में शामिल थे. लालू फैमिली को इस मामले में फायदा पहुंचा. कॉन्ट्रेक्ट देने के बदले राबड़ी और तेजस्वी को बेहद कम कीमत पर जमीन मिली. इस मामले में Quid pro quo का आरोप इस स्टेज पर नजर आ रहा है. 

व्हील चेयर पर कोर्ट पहुंचे थे लालू यादव 

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव कोर्ट में पेश होने के लिए व्हील चेयर पर पहुंचे. इस दौरान उनके साथ राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, प्रेमचंद गुप्ता थे. वह रविवार (12 अक्टूबर) को ही कोर्ट में पेश होने के लिए दिल्ली पहुंच गए थे. लालू और तेजस्वी यादव दिल्ली में मीसा भारती के पंडारा पार्क स्थित आवास पर ठहरे हुए हैं.

CBI ने IRCTC घोटाले में क्या आरोप लगाए?

सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया कि 2004 से 2014 के बीच एक साजिश के तहत पुरी और रांच में भारतीय रेलवे के BNR होटलों को पहले IRCTC को ट्रांसफर किया गया और बाद में संचालन, रखरखाव के लिए बिहार की सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया. एजेंसी ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई और सुजाता होटल्स की मदद के लिए शर्तों में भी बदलाव किया गया. इस चार्जशीट में IRCTC के तत्कालीन महाप्रबंधकों वीके अस्थाना और आरके गोयल के अलावा सुजाता होटल्स के डायरेक्टर, चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर का भी नाम है.

महाराष्ट्र में कांग्रेस के एक वर्ग ने बिहार चुनाव से पहले MNS के साथ हाथ मिलाने के किसी भी कदम का विरोध किया है.

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चाहती है कि कांग्रेस को भी साथ लेकर चला जाए. राउत की इस टिप्पणी से संकेत मिलते हैं कि राज ठाकरे नीत MNS महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) का हिस्सा बन सकती है. हालांकि राउत के बयान के बाद MNS ने कहा कि पार्टी का रुख पार्टी प्रमुख तय करेंगे.

संजय राउत के बयान पर क्या बोले NMS नेता देशपांडे?

MNS नेता संदीप देशपांडे ने शिवसेना नेता की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा, ‘‘पार्टी ही अपना रुख बताएगी कोई और नहीं. भविष्य में भी केवल हम ही अपना रुख बताएंगे.’’

MNS के संबंध में राउत की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए चचेरे भाइयों राज ठाकरे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के हाथ मिलाने की अटकलें हैं. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि MNS प्रमुख एमवीए का हिस्सा बनेंगे या नहीं.

 राज ठाकरे एमवीए का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं?

यह पूछे जाने पर कि क्या राज ठाकरे एमवीए का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं, राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज ठाकरे भी चाहते हैं कि कांग्रेस, जो एमवीए की एक घटक है, को साथ लेकर चला जाना चाहिए. यही उनका रुख है.’’ राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस पर कोई फैसला हो चुका है.’’

संजय राउत ने कहा कि उन्होंने “कुछ मुद्दों” पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से बात की है और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी से भी चर्चा करेंगे उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात करेंगे. हालांकि, राज्य कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग ने MNS के साथ हाथ मिलाने के किसी भी कदम का विरोध किया है, खासकर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले.

राज्य की राजनीति में हर किसी की अपनी जगह- राउत

राउत ने कहा, ‘‘राज्य की राजनीति में हर किसी की अपनी जगह है. जिस तरह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की अपनी जगह है, उसी तरह MNS की भी अपनी जगह है और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) और वामपंथी दलों की भी अपनी जगह है.’’

इसके आगे उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रुख यह है कि कांग्रेस को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होना चाहिए. यहां तक ​​कि राज ठाकरे की भी यही राय है.’ उनका इशारा राज, उद्धव और पवार सहित विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल की ओर था, जो मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात करने वाला है.

हालांकि, MNS नेता देशपांडे ने कहा कि निर्वाचन आयोग से मिलने वाले विपक्षी प्रतिनिधिमंडल का एमवीए से कोई संबंध नहीं है. शिवसेना (उबाठा) और MNS ने अभी तक नगर निकाय चुनावों के लिए गठबंधन की घोषणा नहीं की है, लेकिन उनके नेताओं ने पुष्टि की है कि इसकी योजना है.

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